Ground breaking ceremony in Lucknow: ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में यूपी की संस्कृति की खुशबू से महक उठीं लखनऊ की सड़कें.बॉलीवुड गायिका मोनाली ठाकुर के गीतों पर झूम उठे युवा.
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लखनऊ: ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 भी राममय हो उठा। बिरजू महाराज कथक संस्थान के कलाकारों ने जैसे ही राम स्तुति पर कथक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी, जय श्रीराम की गूंज से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गुंजायमान हो उठा तो मुंबई से आईं बॉलीवुड गायिका मोनाली ठाकुर के गीतों का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला. सोमवार सुबह से ही लखनऊ की सड़कें यूपी के लोकनृत्यों की खुशबू से महक उठीं.
राम स्तुति से राममय हो उठा जीबीसी 4.0
बिरजू महाराज कथक संस्थान की संजीवनी श्रीवास्तव, अत्रांशी सिंह, जयश्री श्रीवास्तव, जाह्नवी तिवारी, वैदेही बाथम आदि कलाकारों ने राम स्तुति पर कथक नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर पूरे माहौल को राममय कर दिया. प्रस्तुति निर्देशन सरिता श्रीवास्तव व नृत्य निर्देशन राजेंद्र गंगानी का रहा. बॉलीवुड गायिका मोनाली ठाकुर ने जैसे ही मंच संभाला, उनके गाने का जादू युवाओं के सिर चढ़कर बोलने लगा. ये मोहे मोहे के धागे तेरी अंगुलियों से जा उलझे, छम छम छम आदि गीतों पर युवा झूम उठे.
यूपी की संस्कृति का दीदार कर अभिभूत हो उठे आगंतुक
जीबीसी 4.0 में देश के अनेक कोने से आए आगंतुकों ने एयरपोर्ट से लेकर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान तक यूपी की संस्कृति का दीदार किया. यहां के लोकनृत्य देखकर हर कोई अभिभूत हो उठा. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के गेट नंबर-एक पर मथुरा के राजेश शर्मा व उनकी टीम के सदस्यों ने मयूर लोकनृत्य प्रस्तुत किया. 1090 चौराहे पर आजमगढ़ के उमेश कन्नौजिया व उनकी टीम का धोबिया लोकनृत्य देखने रुके राहगीरों ने करतल ध्वनि से हौसलाअफजाई की.
अयोध्या के विजय यादव-शीतला प्रसाद वर्मा फरुवाही लोकनृत्य, प्रकृति यादव अवधी लोकनृत्य, राजेश गौड़ व आजमगढ़ के सतीश कुमार कहरवा लोकनृत्य पर प्रस्तुति दी. गाजीपुर के सल्टूराम धोबिया लोकनृत्य, प्रयागराज की प्रीति सिंह और कृति श्रीवास्तव टीम ढेढ़िया लोकनृत्य, झांसी के निशांत सिंह भदौरिया व इमरान खान राई, मथुरा के खजान सिंह व महिपाल सिंह टीम के साथ बमरसिया लोकनृत्य पर खूब वाहवाही लूटी.
दिवारी-पाईडंडा लोकनृत्य पर महोबा के लखन लाल यादव- बांदा के अखिलेश यादव ने हर किसी को झूमने पर विवश कर दिया. सोनभद्र के कतवारू जनजाति लोकनृत्य व सोनभद्र की आशा कुमारी झूमर लोकनृत्य, संतोष सिंघा आदिवासी लोकनृत्य, पीलीभीत के बंटी राणा थारू लोकनृत्य पर प्रस्तुति दी.