बसपा करेगी ब्राह्मण सम्मेलन, 23 जुलाई को अयोध्या से होगा आगाज, जानें इसका महत्व
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बसपा करेगी ब्राह्मण सम्मेलन, 23 जुलाई को अयोध्या से होगा आगाज, जानें इसका महत्व

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में ब्राह्मण वोट बैंक इस बार निर्णायक भूमिका में होगा, अब देखना होगा कि 2022 के चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं का आशीर्वाद किस पार्टी को मिलेगा.

फाइल फोटो

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) से पहले जातिगत आधारित राजनीति एक बार फिर शुरू होती हुई दिखाई दे रही है. बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) ने यूपी में ब्राह्मण सम्मेलन (Brahmin Convention) करने का फैसला किया है. इसकी शुरूआत बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र (Satish Chandra Mishra) 23 जुलाई को अयोध्या (Ayodhya) से करेंगे. यूपी के सभी जिलों में बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन होगा.

BSP देती है ब्राह्मणों को सम्मान
बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने Zee MEDIA से फोन पर बातचीत में कहा कि ‘बीएसपी हमेशा ब्राह्मणों को सम्मान देती है और हमारा नारा रहा है- सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’. सतीश मिश्र ने कहा कि अयोध्या में बजरंग बली के दर्शन कर ब्राह्मण सम्मेलन की शुरूआत करेंगे. 

23 जुलाई से बसपा शुरू करने जा रही ब्राह्मण सम्मेलन
बसपा का ब्राह्मण सम्मेलन 23 जुलाई से अयोध्या से शुरू होने जा रहा है. 23 जुलाई को सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या में मंदिर दर्शन से ब्राह्मणों को जोड़ने की कवायद शुरू करेंगे. पहले चरण में 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लगातार छह जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन होंगे. सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में जिलेवार यह सम्मेलन किए जाएंगे.

जिसका दिया साथ उसी पार्टी की बनी सरकार  
यूपी में लगभग 12% ब्राह्मण मतदाता हैं. ऐसा कहा जाता है कि यूपी में ब्राह्मण जिस पार्टी को समर्थन करता है, यूपी में उसकी सरकार बन जाती है. 2007 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों का रूझान बीएसपी की तरफ था तो यूपी में मायावती की सरकार बन गई. वहीं, 2012 में ब्राह्मण समाजवादी पार्टी के साथ चले गए और अखिलेश यादव यूपी के सीएम बन गए. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव से यूपी के ब्राह्मण मतदाता पूरी तरह बीजेपी के साथ हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गए तो यूपी में 325 सीटों के साथ बीजेपी का सरकार बनी.

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वैसे 2022 के चुनाव से पहले यूपी में चर्चा है कि ब्राह्मण मतदाता बीजेपी से कुछ नाराज है. इन चर्चाओं के बाद ही यूपी में बीजेपी ने जितिन प्रसाद को शामिल किया और अजय मिश्र टेनी को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में जगह दी. वहीं, बीजेपी ने यूपी युवा मोर्चा का अध्यक्ष भी प्रांशुदत्त द्विवेदी को बनाया. इसके अलावा यूपी सरकार में भी बृजेश पाठक, डॉ दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा जैसे बड़े ब्राह्मण चेहरे शामिल हैं.

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सपा भी ब्राह्मण नेताओं को कर रही आगे 
अगर बात समाजवादी पार्टी की करें तो वो भी ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की भरपूर कोशिश कर रही है. समाजवादी पार्टी के नेता संतोष पाण्डेय भगवान परशुराम की 108 फीट की मूर्ति बनवा रहे हैं. जो कि चुनाव से पहले यूपी की राजधानी लखनऊ में लगाई जाएगी. 

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वहीं सपा ने अपने ब्राह्मण नेताओं के दौरे यूपी में बढ़ा दिए हैं. पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय, विधायक मनोज पाण्डेय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पाण्डेय, पूर्व विधायक बाबा दूबे और पवन पाण्डेय जैसे नेताओं को सपा आगे कर रही है. इस पर सपा के प्रवक्ताओं की सूची में भी लगभग 6 ब्राह्मण चेहरे हैं.

कांग्रेस भी ब्राह्मण वोट को लेकर प्रमोद तिवारी और राजेश मिश्रा जैसे नेताओं को आगे कर रही है. यूपी में ब्राह्मण वोट बैंक इस बार निर्णायक भूमिका में होगा, अब देखना होगा कि 2022 के चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं का आशीर्वाद किस पार्टी को मिलेगा.

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