राज्यपाल आनंदीबेन से मिले CM योगी आदित्यनाथ, 28 या 29 मई को मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें
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राज्यपाल आनंदीबेन से मिले CM योगी आदित्यनाथ, 28 या 29 मई को मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें

बीते दिनों दिल्ली में वरिष्ठ भाजपा नेताओं और आरएसएस पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक में उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का उपस्थित न होना भी उनकी विदाई की ओर इशारा करता है. 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य भाजपा संगठन के साथ ही योगी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लग रही हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मध्य प्रदेश के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर अचानक लखनऊ पहुंचीं और शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में उनसे मुलाकात की.

राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारियां चल रहीं?
सूत्रों की मानें तो राजभवन में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए तैयारियां हो रही हैं. माना जा रहा है कि 28 या 29 मई को नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समाराेह हो सकता है. पूर्व IAS एके शर्मा का डिप्टी CM बनाए जानें की चर्चाएं तेज हैं. वहीं, यह भी कयासबाजी चल रही है कि वर्तमान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को फिर से उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. 

सत्ता में आने के बाद यह दूसरा कैबिनेट विस्तार
साल 2017 में 19 मार्च को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया था. उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे. कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है. हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था.

योगी कैबिनेट में फिलहाल 7 सीटें खाली चल रही हैं
उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं. मौजूदा मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 21 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 53 मंत्री हैं. इस हिसाब से 7 मंत्री पद अभी भी खाली हैं. चूंकि चुनाव अब काफी नजदीक है इसलिए जातीय और क्षेत्रिय गणित भी साधा जाएगा. योगी कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है.

स्वतंत्रदेव सिंह की जगह आएंगे केशव प्रसाद मौर्या?
बीते दिनों दिल्ली में वरिष्ठ भाजपा नेताओं और आरएसएस पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक में उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का उपस्थित न होना भी उनकी विदाई की ओर इशारा करता है. किसी ओबीसी चेहरे को राज्य में पार्टी का नेतृत्व दिया जाएगा. इसमें केशव प्रसाद मौर्या का नाम सबसे आगे हैं. उन्हीं के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2017 के चुनाव में जीत हासिल कर 14 साल बाद यूपी में सरकार बनाई थी.

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