आपदा के कारण या दुर्घटनावश डूबने से हुई मृत्यु तथा स्वेच्छा से डूब कर हुई मौत (आत्महत्या) में अंतर करने के लिए शासन ने प्रक्रिया तय कर दी है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब कुआं, पोखर, नदी, झील, तालाब, नाल, नहर, गड्ढा या अन्य किसी जलस्रोत में डूब कर होने वाली मौतों को राज्य आपदा (State Disaster) घोषित किया गया है. प्रदेश की योगी सरकार पानी में डूबकर होने वाली मौतों पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देगी. राजस्व विभाग ने इस बारे में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है.
एसडीएम द्वारा पुष्टि करने के बाद ही दिया जाएगा मुआवजा
आपदा के कारण या दुर्घटनावश डूबने से हुई मृत्यु तथा स्वेच्छा से डूब कर हुई मौत (आत्महत्या) में अंतर करने के लिए शासन ने प्रक्रिया तय कर दी है. ऐसे मामलों में पहले शव का पंचनामा किया जाएगा. शासन द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य आपदा की श्रेणी में डूबकर होने वाली मौतों को भी शामिल किया गया है.
ऐसी मौतों पर एसडीएम द्वारा स्थलीय परीक्षण किया जाएगा. एसडीएम द्वारा पुष्टि होने के बाद ही मुआवजा दिया जाएगा. आपदा या दुर्घटनावश डूबकर होने वाली मृत्यु या फिर स्वेच्छा से डूबकर होने वाली मृत्यु में अंतर का अंमित फैसला डीएम का होगा.
इन मामलों में नहीं मिलेगा मुआवजा
सहायता राशि उन्हीं मामलों में मिलेगी, जिनमें मृत्यु आपदा के कारण या दुर्घटनावश डूबने से हुई हो. आत्महत्या या किसी आपराधिक कृत्य के कारण डूबने से होने वाली मौत के लिए सहायता राशि नहीं दी जाएगी. उक्त घोषित राज्य आपदा के संबंध में होने वाला खर्च स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से व्यय किया जाएगा.
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ये पहले से ही राज्य आपदा घोषित
इससे पहले प्रदेश सरकार अब तक बेमौसम भारी वर्षा/अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई व गैस रिसाव, बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटना तथा मानव वन्यजीव द्वंद आदि 11 तरह की घटनाओं को राज्य आपदा घोषित किया जा चुका है.
प्रदेश में हर साल नदी, तालाब, नहर, नाला व गड्ढे में डूबने से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं. डूबने से मौत होने को अभी तक राज्य आपदा घोषित नहीं किया गया था जिससे पीड़ित परिवारों को राज्य आपदा मोचक निधि से मदद नहीं मिल पा रही थी. राजस्व विभाग ने ऐसे परिवारों की मदद के लिए डूबने से मृत्यु को राज्य आपदा घोषित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था. करीब छह महीने से यह प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन था. और आखिरकार बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई.
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