UP Primary and Secondary School: हाजिरी में हेरफेर अब नहीं चल सकेगा क्योंकि यूपी के स्कूलों में शिक्षक व छात्रों के लिए नया सिस्टम लागू कर दिया गया है. छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति के साथ ही स्कूलों में मिड-डे मील का रियल टाइम का अपडेशन भी इसके तहत किया जाएगा.
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लखनऊ: एक अप्रैल से उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नया सत्र 2024-25 की शुरुआत हो गई. विद्यालयों में एक दर्जन रजिस्टर के नए सत्र में डिजिटलीकरण पर सख्ती रहेगी. जिसके तहत डिजिटल उपस्थिति को भी शामिल किया गया है. बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा इसे चरणबद्ध रूप से लागू कर दिया जाएगा. छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति के साथ ही मिड-डे मील का रियल टाइम का अपडेशन होगा. इस काम को डिजिटलीकरण के पहले चरण में रखा गया है.
स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने नए सत्र को लेकर परिषदीय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक के साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश दिया गया. महानिदेशक ने यह भी कहा है कि मिड-डे मील और छात्र उपस्थिति पंजिका का स्कूल में डिजिटल प्रयोग तय करवाएं. स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब की भी स्कूलों में स्थापना कर दी गई है जिसका बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करें.
शिक्षकों की मंथली मीटिंग
इसी के तहत कक्षा छह से आठ तक के छात्रों के लिए रेमेडियल क्लासेस लिए जाए. विज्ञान व अंग्रेजी की संदर्शिकाओं के मुताबिक शिक्षण और अभ्यास करवाएं. अलग अलग शैक्षणिक सामग्री बिग बुक्स से लेकर पिक्चर स्टोरी कार्ड के साथ ही पोस्टर्स, लाइब्रेरी की किताबों और टीएलएम, मैथ्स किट का इस्तेमाल किए जाएं. इसके अलावा शैक्षणिक वीडियो का भी प्रयोग पढ़ाई के दौरान किया जाए. बच्चों की नियमित और शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर अभिभावकों से बात करें. शिक्षक संकुल की मंथली मीटिंग तय एजेंडा के हिसाब से आयोजित की जाए. सभी शिक्षकों की इस मीटिंग में उपस्थिति तय हो.
साइबर सुरक्षा की शिक्षा
इसके अलावा यूपी के माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई भी कराई जाएगी जिसमें छात्रों को योग, विज्ञान आदि के साथ इंटरनेट व साइबर सुरक्षा के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी. इस संबंध में सभी प्रधानाचार्यों को शिक्षा विभाग ने निर्देशित किया है. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षण संस्थानों में कौशल के साथ ही आधुनिक शिक्षा पर जोर देने का काम किया जा रहा है. मोबाइल फोन व इंटरनेट का उपयोग बढ़ने के साथ ही ये भी हुआ है कि साइबर अपराध का खतरा बढ़ता चला जा रहा है. ऐसे में छात्रों को साइबर सुरक्षा की शिक्षा भी दी जाएगी.