Mahrajganj: महराजगंज के एक प्राइमरी स्कूल में "कौन बनेगा करोड़पति" के तर्ज पर 'कौन बनेगा सैकड़ापति' खेला जाता है. जिसके जरिए शिक्षक बच्चों को पढ़ाते और नई-नई जानकारियां देते हैं. पढ़िए पूरी खबर
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अमित त्रिपाठी/महराजगंज: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के कई प्रयास सामने आते हैं, जिसमें शिक्षकों का भी काफी योगदान रहता है. कुछ ऐसा ही प्रयास महराजगंज जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा देखा जा रहा है. यहां टीचर बच्चों को मशहूर टीवी सीरियल "कौन बनेगा करोड़पति" के तर्ज पर हॉट सीट पर बैठाकर उनके सब्जेक्ट और जनरल नॉलेज के सवाल पूछते हैं. सही जवाब बताने पर धनराशि भी देते हैं.
दो टीचरों ने मिलकर किया प्रयास
यह प्राथमिक स्कूल जिले के निचलौल तहसील क्षेत्र के जंगल किनारे बसे रौतार गांव में है. साल 2018 में इस पूर्व प्राथमिक विद्यालय का भवन बनकर तैयार हुआ. कोरोना के कहर के कारण लॉकडाउन लग गया. साल 2021 में इस विद्यालय की शुरुआत हुई. यहां दो शिक्षकों जावेद आलम और सुमित कुमार पटेल की तैनाती हुई. दोनों शिक्षकों ने जंगल से सटे पिछड़े इलाके में स्थित इस स्कूल के बच्चों को कुछ नए प्रयोग के माध्यम से पढ़ाने और सिखाने के बारे में सोचा. इसके बाद दोनों शिक्षकों ने मिलकर नए-नए प्रयोग किए. खेल, कॉमेडी और "कौन बनेगा सैकड़ा पति" के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास शुरू किया.
10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक का है इनाम
"कौन बनेगा सैकड़ा पति" में शिक्षक बच्चों से सवाल पूछते हैं. सही जवाब देने पर 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक का इनाम दिया जाता है. इसके साथ ही विद्यालय के क्लासरूम में "जादू" भी आता है, जो बच्चों से सवाल-जवाब करता है. शिक्षक के इस प्रयास से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने के साथ ही उनका बौद्धिक विकास और ज्ञान भी बढ़ रहा है. बीएसए आशीष सिंह स्कूल का निरीक्षण करने आए थे, तो शिक्षक जावेद ने उनको भी हॉट सीट पर बैठाया. उनसे प्रश्न पूछे. जिसमें सभी प्रश्नों का सही उत्तर देकर बीएसए ने 100 रुपये जीते. इस दौरान उन्होंने बच्चों को और बेहतर करने की बात कही. उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.
'कौन बनेगा करोड़पति' से आया आइडिया
टीचर जावेद आलम ने बताया कि हमने टीवी पर "कौन बनेगा करोड़पति" देखा तो लगा कि ऐसा ही एक प्रयोग अपने स्कूल में छात्रों के लिए कर सकते हैं. बच्चों को क्लास में हम जो पढ़ाते हैं, उसी से सवाल तैयार करें और जवाब मांगा जाए. इसमें मशहूर शो की तरह धनराशि भी रखी गई है. ऐसा करने से बच्चों में उत्साह बढ़ेगा और वे स्कूल में जो भी पढ़ेंगे, वह याद रखेंगे.
खेल-खेल में पढ़ाई करने में बच्चों को आता है मजा
वहीं, शिक्षकों के इस प्रयास से बच्चों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. बच्चों में आत्मविश्वास का विकास हो रहा है. उनका बौद्धिक ज्ञान भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. स्कूल में पढ़ने वाले खुशी और सूरज कुमार ने बताया कि शिक्षकों के साथ खेल-खेल में पढ़ाई करने में उन्हें काफी अच्छा लगता है.
डीएम ने की दोनों शिक्षकों की सराहना
सरकारी स्कूल में युवा शिक्षकों द्वारा किए जा रहे इस नए और अधिक को प्रयास से जनपद के अधिकारी भी काफी खुश हैं. जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि अन्य सरकारी स्कूल के शिक्षकों को इनसे प्रेरणा लेकर कुछ नए नित प्रयोग करने चाहिए. जिससे बच्चों में आत्मविश्वास के विकास एवं बौद्धिक स्तर बढ़ाया जा सके.