एक बीमार कुत्ते के लिए परेशान हुई यूपी पुलिस, दौड़ती रहीं पुलिस की गाड़ियां, जानें पूरा मामला
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एक बीमार कुत्ते के लिए परेशान हुई यूपी पुलिस, दौड़ती रहीं पुलिस की गाड़ियां, जानें पूरा मामला

मेरठ के कमिश्नरी चौराहा पर एक कुत्ता है, जिसका नाम राकेश है. ये नाम यहां पर तैनात पुलिसकर्मियों और यहां के लोगों ने रखा है. सबसे पहले आपको ये बताते हैं कि आखिर इस कुत्ते का नाम राकेश क्यों रखा गया ?

पुलिसवालों ने बिमार कुत्ते राकेश को वज्र वाहन से पहुंचाया अस्पताल.

मेरठ: उत्तर प्रदेश की मेरठ पुलिस ने समाज में इंसानियत की मिसाल पेश की है. एक कुत्ते की जान बचाने के लिए पुलिस और पीएसी के जवान इस कदर परेशान हुए कि उसके इलाज के लिए पुलिस वैन से अस्पताल ले गए. दरअसल, कमिश्नरी चौराहे के पास एक कुत्ता रहता है, जिसे कई पुलिस वाले रोज रोटी खिलाते हैं लेकिन अचानक उसके बीमार होने से सभी पुलिसवाले परेशान हो उठे और इंसानियत का फर्ज निभाते हुए फौरन उसे अस्पताल पहुंचाया जिससे समय से उसका इलाज हो सके.

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कुत्ते का नाम है राकेश 
मेरठ के कमिश्नरी चौराहा पर एक कुत्ता है, जिसका नाम राकेश है. ये नाम यहां पर तैनात पुलिसकर्मियों और यहां के लोगों ने रखा है. सबसे पहले आपको ये बताते हैं कि आखिर इस कुत्ते का नाम राकेश क्यों रखा गया ? दरअसल कोरोना काल से पहले इसी कमिश्नरी चौराहे पर एक छोटी सी चाय की दुकान हुआ करती थी. जिसे राकेश नाम व्यक्ति चलाता था. उसी दौरान  इस कुत्ते को कोई व्यक्ति इस चौराहे पर छोड़ गया था. तब यह बहुत छोटा था और इसके दोनों पैर भी खराब थे, लेकिन राकेश चाय वाले ने इसकी बहुत सेवा की जिससे उसकी टांगे भी ठीक हो गई. 

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पुलिस वालों का चहेता है यह कुत्ता 
कोरोना काल मे लॉकडाउन लगते ही राकेश की चाय की दुकान बंद हो गई. फिर राकेश यहाँ से चला गया. तभी से इस कुत्ते का नाम राकेश पड़ गया. यह कुत्ता राकेश के यहां आने जाने वाले लोगों और पुलिस वालों का चहेता हो गया. पुलिस वाले जब भी खाना खाते तो दो रोटियां इसके लिए भी घर से बंधवा कर लाते हैं और अपने साथ बिठाकर खाना खिलाते हैं, लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ.

जैसे ही पुलिस वालों ने इस कुत्ते के लिए रोटी निकाल कर दी तो उसने नहीं खाई. इससे पुलिस वाले परेशान हो गए. उसके बाद जब उन्होंने देखा तो यह निढ़ाल होकर सड़क पर गिर गया. फिर क्या था, तमाम पुलिस वाले इसकी देखरेख में लग गए. कोई डॉक्टर को बुलाता तो कोई उसे आग की गर्माहट देने लगा. 

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इलाज के लिए वज्र वाहन से ले गए अस्पताल 
पुलिसवालों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी जब राकेश होश में नही आया तो पुलिसकर्मियों ने वज्र वाहन से तत्काल जानवरों के हॉस्पिटल ले गए. बता दें कि पुलिसकर्मी दंगा नियंत्रण के दौरान इसी वज्र वाहन का प्रयोग करते हैं, लेकिन आज इस कुत्ते के लिए यह वज्र वाहन व पुलिस वाले किसी भगवान से कम नही हैं.

ये खबर उन लोगों के लिए एक सबक है जो कई बार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज ये साबित कर दिया है कि यूपी पुलिस आम जनता के साथ-साथ  जानवरों की भी सेवा के लिए भी तत्पर है.

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