UP News: उत्तर प्रदेश में लोग कहीं भेड़ियों का आतंक है झेल रहे हैं तो कहीं बाघ का आतंक दिखाई दे रहा है. ऐसे हापुड़ में तेंदुए ने दहशत फैला रखी है. लेकिन हापुड़ के एसपी ने लोगों को डरने के बजाए तेंदुए की आखों में देखने की सलाह दी है. पढ़िए पूरी खबर ...
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Hapur News/अभिषेक माथुर: उत्तर प्रदेश में लोग कहीं भेड़ियों का आतंक है झेल रहे हैं तो कहीं बाघ का आतंक दिखाई दे रहा है. ऐसा ही उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गांव नवादा में इन दिनों ग्रामीणों में तेंदुए का खौफ बना हुआ है. कहा जा रहा है कि गढ़मुक्तेश्वर के जंगल से एक तेंदुआ गांव में प्रवेश कर गया है और ग्रामीणों के पशुओं को अपना निवाला बना रहा है. तेंदुए के गांव में आने के निशान ग्रामीणों को साफ-साफ दिखाई दे रहे हैं. लेकिन देर रात को गांव आए हापुड़ एसपी ने लोगों को तेंदुए से डरने के बजाए, उसकी आखों में आखें डालने की सलाह दे दी.
ग्रामीणों में बढ़ रहा है तेंदुए का खौफ
तेंदुए का खौफ ग्रामीणों में इस कदर है कि उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है और शाम ढलते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता है. ग्रामीण अपने-अपने घरों में कैद हो रहे हैं. ग्रामीणों के इस भय को खत्म करने के लिए देर रात एसपी हापुड़ ज्ञानंजेय सिंह गांव नवादा में पहुंचे. करीब 12 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लेकर गांव में गए एसपी ने ग्रामीणों की चौपाल लगाई और ग्रामीणों के बच्चों से कहा कि जब तेंदुआ सामने आए, तो भागना नहीं है, उसकी आंख में आंख डालकर नजर मिलाए रखनी है.
खेत ना जाने को कहा
एसपी ने ग्रामीणों से कहा कि जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता, तब तक सावधानी बरतें. अगर संभव हो, तो करीब 15 दिनों तक खेतों में जाना छोड़ दें. या जब भी कभी खेतों में या अन्य किसी काम से बाहर जाना हो, तो करीब 4-5 लोगों के साथ एक ग्रुप में जाएं. यहां चौपाल के दौरान उन्होंने ग्रामीणों के बच्चों को भी तेंदुए के सामने आने पर डरने नहीं, बल्कि आंख से आंख मिलाए रखने की बात कही.
गांव वालों के पशुओं को बना चुका है निवाला
आपको बता दें कि गढ़मुक्तेश्वर के जंगलों से किसी एक तेंदुए के बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांवों में आने की वजह से ग्रामीणों में दहशत है. करीब चार गांव के लोग तेंदुए के डर से भय के साये में हैं. शाम ढ़लते ही गांव सुनसान हो जाता है. ग्रामीण अपने-अपने पशुओं को लेकर घरों में कैद हो जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि तेंदुआ अब तक किसानों के चार पशुओं को अपना निवाला बना चुका है. तेंदुए के पैरों के निशान किसानों के घरों के बाहर लगे पेड़ों पर देखे जा रहे हैं. वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए मात्र एक जाल गांव में लगाया हुआ है. सिर्फ चार वन कर्मी ही तेंदुए की तलाश में जुटे हैं. वह भी शाम ढ़लते ही वापस लौट जाते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को तेंदुए के खौफ के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. कुछ ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भी भेजना बंद कर दिया है.
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