केंद्र की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने बुधवार को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के नियमों में बदलावों को मंजूरी दी है. इस बदलाव से अगले 5 साल में केंद्र सरकार 4 करोड़ से ज्यादा SC छात्रों को स्कॉलरशिप देगी.
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नई दिल्ली: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम (SC Post Mantric Scholarship Scheme) में बड़े बदलावों को मंजूरी दी है. इस स्कीम से अगले पांच साल में अनुसूचित जाति के करीब 4 करोड़ से अधिक छात्रों को फायदा मिलेगा.
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Today’s Cabinet decision on post-matric scholarship will ensure greater educational access to youngsters belonging to SC communities. Ensuring top quality and affordable education to our youth is an important focus area for our Government. https://t.co/JHBBhEZOM8
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2020
छात्रवृत्ति के पैसा सीधा छात्रों के खाते में
खास बात ये है कि अब छात्रवृत्ति (Scholarship) के पैसे सीधा छात्रों के खाते में डाले जाएंगे. सीधे खाते में पैसा भेजने के लिए आधार लिंक होगा. जैसे ही ये तय होगा कि राज्यों ने अपने हिस्से की राशि जमा कर दी है, केंद्र भी अपनी राशि जारी कर देगा. ये पैसा बिना देरी के मिलेगा, जिससे वो तय कार्यक्रम के तहत पढ़ सकें.
आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी में फैसला
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Modi) की अध्यक्षता में हुई बैठक में आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ने एससी पोस्ट मैंट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम (SC Post Mantric Scholarship Scheme) को लेकर ये निर्णय लिया है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दलितों को शैक्षिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए ये एक बड़ा फैसला है.
60% हिस्सा केंद्र सरकार और 40% हिस्सा राज्य सरकार देगी
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने बताया कि इस योजना में 60% हिस्सा केंद्र सरकार और 40% हिस्सा राज्य सरकार देगी. अनुमान है कि इसमें 59,048 रुपए खर्च होंगे.
क्या है स्कीम?
अनुसूचित छात्रों को इस छात्रवृत्ति स्कीम के तहत 10वीं के बाद की पढ़ाई के लिए यानी 11वीं से उच्च शिक्षा तक ट्यूशन फीस, रखने और खाने के लिए मासिक भत्ता और शोध आदि के लिए भत्ता आदि दिया जाता है.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए चलाई जाएगी योजना
यह योजना एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए चलाई जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे. इसके अलावा बिना किसी देरी के समय पर छात्रों को मदद पहुंचाई जा सके. बता दें कि इस स्कीम के तहत सरकार दलित छात्रों को दसवीं के बाद 11वी और 12वीं यानी पोस्ट मैट्रिक की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी.
अगले सत्र 2021-22 से हो जाएगी शुरुआत
इसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपए केंद्र और बाकी राज्य सरकारें उपलब्ध कराएंगी. पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सोशल ऑडिट, थर्ड पार्टी वैल्यूएशन का सहारा लिया जाएगा. नए नियम से स्कॉलरशिप की शुरुआत अगले सत्र 2021-22 से हो जाएगी.
पहले मिलती थी गड़बड़ी की शिकायतें
अभी तक केंद्र ये राशि राज्यों और शैक्षणिक संस्थानों को देता था. जिसके जरिए यह छात्रों तक पहुंचती थी. इनमें अलग-अलग स्तरों पर भारी गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती थीं.
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