मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मरादाबाद में एक बार फिर से अभिभावकों के सामने चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई है. मुरादाबाद एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स (Moradabad Association of Private Schools) ने शहर के स्कूलों के बाहर एक बैनर लगाया है, जो अभिभावकों की चिंता का कारण है. बैनर पर लिखा है 'No Fees-No Exam, No Exam-No Promotion to Next Class'. एसोसिएशन के अध्यक्ष और शहर के एक स्कूल विलसोनिया कॉलेज के चेयरमैन संतराम का कहना है कि ऐसे बैनर हर स्कूल के सामने लगाए गए हैं. 


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स्कूलों की आर्थिक स्थिति खराब
अध्यक्ष संतराम के मुताबिक, लॉक डाउन के बाद से अभिभावकों ने स्कूल फीस नहीं दी है. इस वजह से स्कूलों पर आर्थिक संकट गहरा गया है. अभी तक 50% स्टूडेंट्स की ही फीस मिली है. स्कूल में मौजूद स्टाफ और टीचर्स को लॉकडाउन के दिनों में 50% सैलरी ही मिल रही थी. अब उन्हें 75% वेतन दिया जा रहा है. ऐसे में फीस न मिलने की वजह से स्कूलों की फाइनेंशियल स्थिति खराब हो रही है. 


छात्र सोच रहे हैं प्रमोशन की बात
इसके अलावा, अध्यक्ष का यह भी कहना है कि कुछ बच्चे बिना एग्जाम ही अगली क्साल में प्रमोशन की बात सोच रहे हैं. यह बैनर इसलिए भी लगाना जरूरी था, ताकि यह बात क्लियर को जाए कि बिना परीक्षा कोई प्रमोशन नहीं होगा. संतराम का कहना है कि स्कूल प्रशासन हमेशा से अभिभावकों के साथ है. लेकिन उन्हें भी मैनेजमेंट की मजबूरी समझनी चाहिए. 


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रविवार को हुई थी मीटिंग 
गौरतलब है कि बीते रविवार प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की एक मीटिंग हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि स्कूलों के बाहर 'नो फीस, नो एग्जाम' के बैनर लगाए जाएंगे. इसे देखते हुए अभिभावकों का जानबूझ कर फीस न देना और छात्रों का बिना एग्जाम के नेक्स्ट क्लास में प्रमोशन की सोच रखना, दोनों पर ब्रेक लग जाएगा. 


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पेरेंट्स एसोसिएश ने इसे बताया अभिभावकों का शोषण
वहीं, मुरादाबाद स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन की मानें, तो प्राइवेट स्कूल्स ने दिसंबर में भी एक मीटिंग की थी, जिसमें 'नो फीस-नो एग्जाम-नो प्रमोशन' की बात कही गई थी. इसके बाद यह सूचना कई अभिभावकों को भी दी गई थी. पेरेंट्स ने इसकी शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक से की थी. इस पर निरीक्षक ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे. पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि अब एक बार फिर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस तरीके के बैनर लगाकर छात्रों और अभिभावकों का शोषण करने की शुरुआत की है. इस मामले में हमने अब उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली है.


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