Sambhal News: यूपी के संभल में लगातार 5 दिन से खुदाई की जा रही है. सबूतों के पड़ताल में अब तक मंदिर से लेकर कुआं और बावड़ी जैसे ढांचे देखे जा सकते हैं. संभल में शाही जामा मस्जिद से महज 280 मीटर की दूरी पर प्रशासन को एक महत्वपूर्ण कूप दिखाई दिया है जिसका नाम है मृत्यु कूप जोकि संभल के 19 महत्वपूर्ण कूपों में से एक है. 


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कोट पूर्वी मोहल्ला हिंदू बाहुल्य इलाका
दरअसल, यहां कोट पूर्वी के पास के क्षेत्र में टीम कुएं की खुदाई का काम किया जा रहा है जिसमें फिर से एक नया कुआ मिला है जोकि मृत्यु कूप है. यह कुआं महादेव मंदिर के पास ही है. बताया जा रहा है कि इसे मलबे और कूड़े करकट से पाटा गया था. वहीं, बीते बुधवार को डीएम और एसपी ने इस खुदाई वाले इलाके में घूम घूमकर वहां के लोगों से गली मोहल्ले में पाटे गए पौराणिक कूपों से संबंधित जानकारी हासिल की. कोट पूर्वी मोहल्ला हिंदू बाहुल्य इलाका है. संभल सदर कोतवाली इलाके की सरथल चौकी के निकट कोट पूर्वी मोहल्ले के इस पूरे मामले का कल डी एम राजेंद्र पेंसिया और एस पी कृष्ण विश्नोई ने SDM और पालिका के अधिकारियों के साथ जायजा लिया.


स्कंद पुराण में कूप को लेकर क्या लिखा है? 
स्कंद पुराण में संभल के इस मृत्यु कूप बारे में जिक्र किया गया है. कूप को लेकर लिखा है "विमलेशादुत्तरतः कूपो वै मृत्युसंज्ञकः, अत्र स्नात्वा महाकालार्चनं सकलसिद्धिदम्." यानी विमलेश के उत्तर में मृत्यु नाम का एक कूप है जहां स्नान करने व महाकाल की आराधना से साधक को सभी सिद्धियां मिलती हैं. इसके इतर इस कूप के बारे में जिक्र संभल के ऐतिहासिक मानचित्र में भी किया गया है. इसे मानचित्र में हरि मंदिर से उत्तर की ओर दिखाया गया है. इस तरह सालों से बंद मृत्यु कूप की तलाश करते हुए प्रशासन ने खुदाई शुरू की और आखिरकार कुआ मिल ही गया. कुएं के अवशेष मिलने के बाद से ही लोग मौके पर कुआं देखने पहुंच रहे हैं.


तीर्थ स्थलों का संकलन 
ध्यान दें कि संभल (Sambhal) में कुओं और तीर्थ स्थलों को संकलन और लोगों को उनकी धार्मिक परंपराओं से दोबोरा जोड़ने के प्रयास में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) व स्थानीय प्रशासन की टीम ने कई ऐतिहासिक स्थानों का बुधवार को दौरा किया जिसमें फिरोजपुर किला, बावड़ियां व चोर कुआं के बाद अब मृत्यु कुआं मिला है और ऐसी ही कई प्राचीन संरचनाएं मिली हैं.


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