Meerut Nikay Chunav 2023: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए कई सीटों पर उम्मीदवार उतार कर आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने मुसीबत खड़ी कर दी है...
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UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन में सियासी घमासान बढ़ता ही जा रहा है. अब सपा और आरएलडी (RLD) आमने-सामने आ गए हैं. कई सीटों पर जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने सपा उम्मीदवार के खिलाफ अपना भी प्रत्याशी उतार दिया है. मेरठ में निकाय चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन में तकरार और बढ़ गई है. वहीं रालोद महापौर सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है. तो ऐसे में सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान की मुश्किलें बढ़ना तय है.
मुस्लिम प्रत्याशी उतारेगी रालोद
खबरों की मानें तो रालोद प्रत्याशी के लिए दूसरी पार्टी में भी सेंध लगा रही है. आपको बता दें कि सपा ने रालोद सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे थे जिसके बाद से गठबंधन में तकरार बढ़ गई है. अब आरएलडी मेरठ में मुस्लिम चेहरे को उतारने की तैयारी में लग गई है. रालोद के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि मेरठ सीट पर रालोद का हक बनता है. नेता ने कहा कि सपा ने गठबंधन का नियम तोड़ा है. रालोद मेयर का चुनाव जरूर लड़ेगी. अब ये मुकाबला आमने-सामने का होगा.
निकाय चुनाव के लिए सभी सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान
वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने यूपी निकाय चुनाव के लिए सभी सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. पार्टी के ओर से बुधवार इसकी लिस्ट भी जारी कर दी गई.सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल (Naresh Uttam Patel) ने बुधवार को इसकी सूची जारी की. सपा के इस फैसले के बाद स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन के साथियों को पार्टी ने मेयर पद के लिए एक भी सीट नहीं दी है.
SP और RLD का गठबंधन
गौरतलब हो कि विधानसभा चुनाव 2022 की तर्ज पर ही नगर निकाय चुनाव में भी SP और RLD का गठबंधन है. दोनों पार्टी के प्रमुख नेताओं ने जोर-शोर से ऐलान किया था ये गठबंधन मजबूती से चलेगा. नगर निकाय चुनाव आया तो दोनों के बीच तकरार की स्थिति पैदा हो गई है. कई सीटों पर सपा और रालोद दोनों ने ही अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं.
डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू
खबर है कि नगर निकाय चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर खतरे में पड़े सपा-रालोद गठबंधन को बचाने के लिए डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू हो गई है. इन सबके सपा ने घोषणा की है कि वह बागपत और बड़ौत नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगी. इन सीटों पर रालोद को समर्थन किया जाएगा.
अखिलेश यादव के लिए चुनौती
हालांकि सपा गठबंधन को एकजुट रखना अखिलेश यादव के लिए चुनौती हो गई है. पहले गठबंधन से अपना दल कमेरावादी ने निकाय चुनाव में उम्मीदवार उतारे. यानी सपा-रालोद गठबंधन में फूट पड़ती दिखाई दे रही है. लेकिन इसके बाद अब जयंत ने भी अखिलेश लिए चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. आपको बता दें कि निकाय चुनाव के लिए दूसरे चरण के अंतर्गत नामांकन शुरू हो चुका है, जो 24 अप्रैल तक होगा. अगर आरएलडी मेयर पद के लिए मुस्लिम प्रत्याशी उतारेगा तो सपा की तरफ से उम्मीदवार सीमा प्रधान की मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी.
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