UP Nikay Chunav 2023: किसके सिर होगा संगम नगरी प्रयागराज का ताज, क्या छठी बार अभिलाषा गुप्ता बनेंगी मेयर?
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UP Nikay Chunav 2023: किसके सिर होगा संगम नगरी प्रयागराज का ताज, क्या छठी बार अभिलाषा गुप्ता बनेंगी मेयर?

UP Nikay Chunav 2023:  निकाय चुनाव की आरक्षण सूची जारी होने के बाद प्रयागराज मेयर सीट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. आइए बताते हैं पूरा मामला...

UP Nikay Chunav 2023: किसके सिर होगा संगम नगरी प्रयागराज का ताज, क्या छठी बार अभिलाषा गुप्ता बनेंगी मेयर?

UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav 2023) की आरक्षण सूची जारी हो चुकी है. इन सबके बीच प्रयागराज मेयर सीट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. ऐसा इसलिए क्योंकि मेयर की सीट सामान्‍य है. इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. जानकारी के मुताबिक दिसंबर में जारी आरक्षण की सूची में ये सीट ओबीसी खाते में थी.

प्रयागराज नगर निगम क्षेत्र में लगभग 60 फीसदी से ज्यादा मतदाता सवर्ण 
फिर क्या था, प्रयागराज में चारो तरफ ओबीसी नेताओं के बैनर पोस्टर्स पटे पड़े थे. हालांकि, जारी की गई नई आरक्षण सूची में इस सीट को दोबारा सामान्‍य सीट कर दी गई है. इससे सियासी हलचल काफी तेज हैं. जानकारी के मुताबिक प्रयागराज नगर निगम क्षेत्र में लगभग 60 फीसदी से ज्यादा सवर्ण मतदाता हैं. ऐसे में सभी दल सवर्ण कार्ड खेलकर अपनी जीट की दिशा तय करने में लगे हैं. वहीं, इस सीट को लेकर भाजपा में सुगबुगाहट तेज हो गई है.

क्या अभिलाषा गुप्ता हैं दावेदार
आपको बता दें कि प्रयागराज की वर्तमान मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी मेयर हैं. दरअसल,  अभिलाषा गुप्ता उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी की पत्नी हैं. जानकारी के मुताबिक अभिलाषा ने बसपा (BSP) के टिकट पर साल 2012 में मेयर का चुनाव लड़ा. वह महापौर भी निर्वाचित हुई. इसके बाद साल 2017 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर महापौर का चुनाव अपने नाम कर लिया. बताया जा रहा है कि इस सीट पर अभिलाषा गुप्ता प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगमों में 8 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं, मतलब अनारक्षित हैं. वहीं, 3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए 4 सीटें ( 2-2 ) आरक्षित हैं. नगर निगम की एक-एक सीट अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही सपा, भाजपा समेत अन्य पार्टियां अपने पत्ते खोल सकती हैं.

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