आज सुनवाई के दैरान हाई कोर्ट ने 12 मई को अपने फैसले के आधार पर साफ कर दिया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल तब तक अभिभावकों से फीस नहीं मांगेगा जब तक राज्य सरकार फीस लेने के आदेश ना दे.
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नैनीताल: उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूल में बच्चों के पढ़ा रहे अभिभावकों को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को आदेश दिए हैं कि कोई भी स्कूल ऑनलाइन क्लास के नाम पर जबरन फीस नहीं मांगेगा. देहरादून निवासी जपेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 12 मई को दिए अपने फैसले के आधार पर साफ कर दिया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल तब तक अभिभावकों से फीस नहीं मांगेगा जब तक राज्य सरकार फीस लेने के आदेश ना दे.
साथ ही कोर्ट ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल अपनी मांगों का प्रत्यावेदन बनाकर राज्य सरकार को दें, जिस पर राज्य सरकार 1 सप्ताह के भीतर यह फैसला करेगी कि क्या अभिभावकों से फीस ली जा सकती है या नहीं.
दरअसल, जपेंद्र सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर जबरन अभिभावकों से फीस मांग रहे हैं. साथ ही जबरदस्ती ऑनलाइन क्लास लगाई जा रही हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए उत्तराखंड में कई जगहों पर इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है, कई लोग ऐसे भी हैं जिनके पास मोबाइल व अन्य साधन नहीं हैं. ऐसे में कई बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं, लिहाजा ऑनलाइन पढ़ाई की जगह दूरदर्शन के माध्यम से सभी बच्चों की पढ़ाई की जाए.