अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट के लिए कार्यालय का हुआ चयन, मस्जिद ट्रस्ट की घोषणा होली बाद
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अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट के लिए कार्यालय का हुआ चयन, मस्जिद ट्रस्ट की घोषणा होली बाद

चंपत राय, अनिल मिश्र और अनुज झा ने टेक्निकल टीम के लोगों के साथ राम लला परिषर का भी निरीक्षण किया. आपको बता दें कि चैत्र राम नवमी यानी 25 मार्च से पहले राम लला को टेंट से निकाल कर फाइवर के बुलेटप्रूफ शीशे युक्त मंदिर में शिफ्ट किये जाने की तैयारी है. 

सांकेतिक तस्वीर.

अयोध्या: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लिए कार्यालय का चयन हो गया है. अयोध्या के राम कचहरी मंदिर में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का पहला कार्यालय खुलेगा. आपको बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि प्रवेश मार्ग पर ही राम कचहरी मंदिर स्थित है. अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय, ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र, अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा शनिवार सुबह राम जन्मभूमि स्थल पहुंचे और कार्यालय के लिए राम कचहरी मंदिर का निरीक्षण किया.

  1. इकबाल अंसारी ने कहा- पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद बनवाने की जगह कृषि कार्य करवाएं.
  2. फसल से होने वाली आमदनी को अल्लाह और राम के नाम पर दोनों कौमों के गरीबों में बांटें.

अयोध्या में 4 अप्रैल को राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक
चंपत राय, अनिल मिश्र और अनुज झा ने टेक्निकल टीम के लोगों के साथ राम लला परिषर का भी निरीक्षण किया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि ट्रस्ट की दूसरी बैठक 4 अप्रैल को अयोध्या में होगी. 24 मार्च को रामलला नए मंदिर में होंगे शिफ्ट. 25 मार्च से चैत्र राम नवमी के प्रथम दिवस राम भक्त रामलला के नए मंदिर में दर्शन करेंगे.

अब होली बाद होगा मस्जिद ट्रस्ट का ऐलान
इधर बीते गुरुवार को हुई सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बैठक में अयोध्या में मस्जिद के निर्माण लिए बनने वाले ट्रस्ट के नाम और सदस्यों का ऐलान नहीं हो सका. सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड और पक्षकारों में गतिरोध के कारण ऐसा हुआ. हालांकि, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने सफाई दी कि यह बोर्ड की मासिक बैठक थी जिसमें ट्रस्ट पर चर्चा नहीं होनी थी. उन्होंने कहा था कि होली के बाद अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट और उसके सदस्यों का नाम घोषित कर दिया जाएगा.

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इकबाल अंसारी ने मस्जिद बनाने के खिलाफ
दूसरी तरफ बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के फैसले पर सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद के अन्य पक्षकारों से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड बात नहीं कर रहा है. इकबाल अंसारी का कहना है कि सरकार ने मस्जिद के लिए कृषि की जमीन मुस्लिम पक्ष को मुहैया कराई है. ऐसे में इस जमीन पर मस्जिद बनाने की जगह कृषि कार्य करवाया जाए और फसल से होने वाली आमदनी को अल्लाह और भगवान राम के नाम पर दोनों कौमों के गरीबों को बांटा जाए. उन्होंने कहा कि रौनाही में पहले से ही 22 मस्जिदें हैं, ऐसे में नई मस्जिद की जरूरत नहीं है.

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