कार्तिक मेले पर कोरोना का ग्रहण, बाहरी श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगी अयोध्या में एंट्री
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कार्तिक मेले पर कोरोना का ग्रहण, बाहरी श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगी अयोध्या में एंट्री

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 कोसी परिक्रमा से पहले 20 नवंबर से ही अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया है. ताकि बाहरी श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश न कर पाएं और कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके. 

फाइल फोटो.

अयोध्या: अयोध्या में दीपोत्सव के सकुशल निपटने के बाद प्रशासन की नजर कार्तिक परिक्रमा व पूर्णिमा मेले पर है. लेकिन दीपोत्सव की तरह कार्तिक मेले के ऊपर भी कोविड-19 का खतरा मंडरा रहा है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन और साधु-संतों ने कार्तिक मेले के आयोजन में 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान के लिए देशभर के लाखों श्रद्धालुओं से अयोध्या ना आने की अपील की है. बता दें कि हर साल लाखों की संख्या में भक्त देशभर से पंचकोशी परिक्रमा, 14 कोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेले में शामिल होने के लिए आते रहे है.

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इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 कोसी परिक्रमा से पहले 20 नवंबर से ही अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया है. ताकि बाहरी श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश न कर पाएं और कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके. 

22 व 25 नवंबर को है परिक्रमा का शुभ मुहूर्त
अयोध्या के जिलाअधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि 22 नवंबर की रात में 14 कोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है. 25 नवंबर की भोर में पंचकोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है. वहीं 29 नवंबर की रात कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त है, जिसमें लाखों श्रद्धालु अयोध्या आकर पुण्य अर्जित करते हैं. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने देश भर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह अयोध्या ना आएं. अपने घर में ही रहकर पूजा अर्चना करें. 

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बनेगी कोविड-19 हेल्पडेस्क 
अनुज कुमार झा का कहना है कि स्थानीय लोग भी इस बार परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेले से परहेज करें. जिनकी मान्यता हो वही परिक्रमा और मेले में स्नान करें. उन्होंने बताया कि इस बार परिक्रमा के दौरान मास्क को लेकर चेकिंग की जाएगी साथ ही जगह-जगह कोविड-19 हेल्पडेस्क बनाया जाएगा, जहां पर थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. इस साल श्रद्धालुओं को कई असुविधाओं का सामना भी करना पड़ सकता है. 

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घर पर करें पूजा-पाठ
वहीं अयोध्या के संतो ने भी देशभर से आने वाले भक्तों से कार्तिक मेले के दौरान अयोध्या ना आने की अपील की है. श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोशी परिक्रमा, पूर्णिमा स्नान में श्रद्धालुओं को अयोध्या नहीं पहुंचना चाहिए. क्योंकि इस महामारी का बचाव ही उपाय है. एक संक्रमित व्यक्ति से कई लोग संक्रमित हो सकते हैं.

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ऐसे में परिक्रमा व मेले में सावधानी बरतना जरूरी है. आचार्य का कहना है कि घर में पूजा पाठ और परिक्रमा से भी आप पुण्य अर्जित कर सकते हैं. इसके लिए एक स्थान पर खड़े होकर सूर्य के सामने पांच व 14 बार परिक्रमा करें. सूर्य की परिक्रमा करने से अयोध्या की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होगा. 

तीन प्रमुख मेलों पर लगा कोरोना का ग्रहण 
मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन का सहयोग करें. साथ ही महामारी से बचते हुए ही कोई कार्य करें. दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने भी अपील की है कि वह कोरोना के चलते अयोध्या में भीड़ नहीं करें. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संक्रमण के खतरे को देखते हुए जो जहां पर हो वहीं रह कर पूजा-अर्चना और परिक्रमा करे.

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उन्होंने पूरे दिगंबर अखाड़ा की तरफ से श्रद्धालुओं से अपील की है कि अयोध्या में भीड़ नहीं हो इसका ध्यान रखना होगा. गौरतलब है कि इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए अयोध्या के तीन प्रमुख मेलों पर ग्रहण लगा है. चाहे वह भगवान राम की जन्मोत्सव हो, श्रावण मेला हो या आने वाला कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेला. हालांकि जिला प्रशासन ने कार्तिक मेला को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, लेकिन फिर भी मेला के आयोजन में प्रशासन किसी भी रूप में भीड़ जमा नहीं होने देगा. 

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