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महराजगंज: 5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन के बाद देश भर में रामभक्तों ने खुशियां मनाईं. कहीं दीप जलाए गए तो कहीं आतिशबाजी की गई. हालांकि कुछ लोगों ने उत्साह में कुछ ऐसा भी कर दिया कि उन्हें कानूनी पचड़े में फंस जाना पड़ा. महराजगंज में एक पूर्व कारसेवक की भावनाएं मंदिर निर्माण शुरू होने पर कुछ इस तरह छलकीं कि उन्होंने लाइसेंसी हथियार से हर्ष फायरिंग कर डाली. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.
यूपी में है हाई अलर्ट और जनाब ने गोलियां दाग दीं
वैसे भी इस वक्त देश में कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर शहरों में लोगों को एकत्रित होने से रोका जा रहा है. 5 से 15 अगस्त तक यूपी में सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के मुताबिक हाई अलर्ट घोषित किया गया है. इसी बीच महराजगंज के रहने वाले रमेश मोदनवाल अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन और आधारशिला रखे जाने के बाद कुछ यूं खुश हुए कि उन्होंने हर्ष फायरिंग कर दी. इतना ही नहीं उन्होंने इसका वीडियो भी खुद ही सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. व्हाट्सऐप ग्रुप से सर्कुलेट होता हुआ ये वीडियो जब पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने रमेश मोदनवाल को ढूंढना शुरू कर दिया. वीडियो मात्र 14 सेकेंड का है जिसमें वे एक राउंड हवाई फायरिंग करते हुए दिख रहे हैं.
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दर्ज हुआ मुकदमा और जब्त हुआ हथियार
महाराजगंज पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हर्ष फायरिंग करने वाले रमेश मोदनवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि असलहे से हर्ष फायरिंग का वीडियो वायरल किया गया था, जिसका संज्ञान लेकर कार्रवाई की गई है. मामले में धारा 286, 336, 188 आईपीसी व 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. आरोपी की बंदूक भी जब्त कर ली गई है और असलहे का लाइसेंस निरस्त करने की भी अपील की गई है.
बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक रह चुके हैं रमेश मोदनवाल
हर्ष फायरिंग करने वाले रमेश मोदनवाल हिंदूवादी नेता के तौर पर पहचान रखते हैं और बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक रह चुके हैं. वे साल 1992 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में डेढ़ महीने तक जेल में रहे थे.
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