पौष पूर्णिमा: माघ मेले का दूसरा स्नान आज, इस पावन पर्व पर स्नान करने से मिलते हैं ये लाभ
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पौष पूर्णिमा: माघ मेले का दूसरा स्नान आज, इस पावन पर्व पर स्नान करने से मिलते हैं ये लाभ

मेले में 13 थाने, 38 चौकियां और 13 फायर स्टेशन बनाए गए हैं. इसके साथ ही, 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: माघ मेले का पहला स्नान मकर संक्रांति के पर्व पर होता है जो 14 जनवरी को संपन्न हुआ. इसके बाद दूसरा स्नान होता है पौष पूर्णिमा के दिन जो गुरुवार 28 जनवरी को है. मेला प्रशासन ने पौष पूर्णिमा स्नान की तैयारी पूरी कर ली है और आज भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है. ब्रह्म मुहूर्त से संगम तट पर स्नान का क्रम शुरू हो गया. पौष पूर्णिमा यानी आज से ही कल्पवास भी शुरू हो जाएगा. ऐसे में मेला क्षेत्र में कल्‍पवासी आने लगे हैं. आपको बता दें, इस बार माघ मेला 640 हेक्टेयर में 5 सेक्टरों में बसाया गया है.

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डीप वॉटर बैरिकेडिंग के साथ जल पुलिस तैनात
जानकारी के मुताबिक कोविड महामारी के चलते इस बार स्नान घाटों का विस्तार भी किया गया है. इसके साथ ही घाटों पर डीप वॉटर बैरिकेडिंग की गई है और जल पुलिस भी तैनात है. जानकारी के मुताबिक माघ मेले में 16 एंट्री प्वॉइंट बनाए गए हैं और सभी प्वॉइंट्स पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. मेले में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रूटों की व्यवस्था की गई है. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को खास निर्देश दिए गए हैं कि कोविड गाइडलाइन का पालन करें.

सुरक्षा के हैं सारे इंतजाम
मेले में 13 थाने, 38 चौकियां और 13 फायर स्टेशन बनाए गए हैं. इसके साथ ही, 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है. मेले में SDRF (State Disaster Response Force), NDRF (National Disaster Response Force) और जल पुलिस की तैनाती की गई है. इसके अलावा, मेले की सुरक्षा में ATS (Anti terrorist Squad), STF (Special Task Force), IB (Intelligence Bureau), LIU (Local Intelligence Unit) के साथ खुफिया एजेंसियां भी तैनात हैं.

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पौष पूर्णिमा का महत्व
पौष माह शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पर पौष पूर्णिमा होती है. इस साल पौष पूर्णिमा 28 जनवरी को है. मान्यता है कि इस दिन व्रत, गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है. लोगों की आस्था है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.  

पौष पूर्णिमा 2021 मुहूर्त
पूर्णिमा 28 जनवरी को 01:18 से शुरु होकर 29 जनवरी की रात 12:47 तक रहेगी.

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इस बार बन रहा है ये खास योग
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस बार पौष पूर्णिमा के दिन गुरु पुष्य योग बन रहा है जिसके कारण इस तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. विवाह को छोड़कर कोई भी कार्य इस मुहूर्त में आरंभ करना शुभ माना जाता है. 

कल्पवास होगा शुरू
बता दें, पौष पूर्णिमा से ही कल्पवास की शुरुआत होती है. यह माघ की पूर्णिमा को समाप्त होता है. मान्यता है कि कल्पवासी जीवन मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने की कामना करते हैं. 

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ऊनी वस्त्र, कंबल करें दान
दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से देने चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि दान केवल जरुरतमंद लोगों को ही दें. 

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