PM मोदी शनिवार को लाहौल स्पीति के सीसू में अटल टनल का उद्घाटन करेंगे. उसके बाद सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे.
Trending Photos
शिमला: पूर्वी लद्दाख से सटी करीब 826 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (LAC) पर भारत- चीन के बीच लगातार तनाव का महौल जारी है. एलएसी का टेंमरेचर 50 डिग्री से नीचे होने पर भी भारतीय सेना अपने दुश्मनों से डटकर सामना करती है. ऐसे में देश के प्रधामनंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय सेना को एक सौगात दी है. जिससे सेना को अपने दुश्मनों से लड़ने में मदद मिल सके. दरअसल, लेह में सेना तक हथियार और बाकी सामानों की सप्लाई के लिए एक सुरंग खुलने जा रही है. हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास के नीचे दुनिया के सबसे लंबे टनल अटल टनल बन कर तैयार हो गई है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 3 अक्टूबर को सुबह 10 बजे करेंगे.
हाथरस केस में योगी सरकार का बड़ा एक्शन, एसपी-डीएसपी और इंस्पेक्टर सस्पेंड
यह सुंरग 9.02 किलोमीटर लंबी है. अटल सुरंग मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ने का काम करेगी. इस सुरंग के बनने से मनाली और लेह के बीच की दूरी करीब 46 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. जिससे यात्रा में भी कम समय लगेगा. गौरतलब है कि पहले इस घाटी में बर्फबारी के चलते साल के छह महीने आवागमन बाधित रहता था, लेकिन इस सुरंग के बनने से अब ये पूरे साल खुला रहेगा. यह अटल टनल हिमालय के पीर पंजाल क्षेत्र में समुद्र से 10,000 फीट की उंचाई पर बनाई गई है.
बता दें कि इस टनल के बनने से सबसे ज्यादा फायदा लद्दाख में तैनात भारतीय सेना को होगा. जहां पहले सिर्फ जोजिला पास से ही सेना तक समान की सप्लाई की जाती थी. वहीं अब इसके टनल के बनने से सर्दियों में भी सेना तक हथियारों की सप्लाई की जा सकेगी.
CM योगी के चरखा चलाने पर एक्ट्रेस रिचा चड्ढा का तंज, 'याद आएंगे गांधीजी'
अटल टनल से जुड़ी खास बातें
1. विश्व की सबसे लंबी और सबसे ऊंची सुरंग है.
2. 3,300 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह अटल सुरंग सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.
3. यह सुंरग 9.02 किलोमीटर लंबी है और 10 मीटर चौड़ी है.
4. कुल्लू जिले के मनाली से लाहौल स्पीति घाटी से को पूरे साल जोड़े रखेगी.
5. हिमालय के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच में बनाई गई है.
6. समुद्र तल से करीब 3000 हजार मीटर की ऊंचाई पर सुरंग को अत्याधुनिक विशेषताओं के साथ बनाया गया है.
7. अटल सुरंग का दक्षिणी पोर्टल मनाली से 25 किमी की दूरी पर 3,060 मीटर की ऊंचाई पर बनी है.
8. उत्तरी पोर्टल 3,071 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल घाटी में तेलिंग, सीसू गांव के नजदीक स्थित है.
9. घोड़े की नाल के आकार वाली दो लेन वाली सुरंग में 8 मीटर चौड़ी सड़क है.
10. अटल सुरंग की ऊंचाई 5.525 मीटर है.
11. अटल टनल के अंदर से एक बार में 3000 कारें और 1500 ट्रक सफर कर सकेंगी .
12. अटल टनल के अंदर वाहनों की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.
13. इसे बनाने में DRDO ने भी मदद की है, ताकि इस पर बर्फ और हिमस्खलन का असर न पड़े.
देवस्थानम बोर्ड मामला: 111 दिन तक अर्धनग्न धरने पर रहे आचार्य, आज पहनाया गया वस्त्र
अत्याधुनिक तकनीकि से है लैस
1. अटल टनल में स्टेट ऑफ आर्ट एलक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम भी लगा है जिसमें सेमी ट्रासवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, इल्युमिनेशन एंड मॉनिटरिंग सिस्टम भी शामिल है.
2. अटल टनल में सुरक्षा के कई खास फीचर्स हैं. जिसमें टनल के दोनों छोर पर एंट्री बैरियर्स लगाया गया है.
3. सुंरग के भीतर हर 150 मीटर की दूरी पर इमरजेंसी के लिये टेलीफोन कनेक्शन है .
4. 60 मीटर की दूरी पर फायर हाईड्रैंट मैकेनिज्म की सुविधा है.
5. 250 मीटर की दूरी पर cctv कैमरा लगा है, जिसमें ऑटो इनसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम लगा हुआ है.
6. एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग की भी सुविधा है.
7. फायर हाइड्रेंट की भी सुविधा है , ताकि आग लगने जैसी स्थिति में काबू पाया जा सके.
बनने में लगे 10 साल
अटल टनल बनने की शुरूआत शुरूआत 28 जून 2010 को हुई थी और आज 10 साल बाद यह टनल पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है. गौरतलब है कि इस टनल को बनाने का निर्णय 3 जून 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लिया था. सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी. बता दें कि 24 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में रोहतांग टनल को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का फैसला लिया था. जिसके बाद इस टनल को BRO (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद बनाया है.
WATCH LIVE TV