दोनों ही परियोजनाएं राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. लंबे समय से राज्य सरकार भी इन दोनों परियोजनाओं को लेकर कोशिश करती रही है.
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देहरादून: उत्तराखंड के सौंग और जमरानी बांध को लेकर 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में अहम बैठक बुलाई गई है. इसमें पीएमओ व उत्तराखंड शासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे. सौंग बांध व जमरानी बांध दोनों ही राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है. प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण इन दोनों योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री खुद अपने स्तर से ही लगातार कोशिश कर रहे हैं. नीति आयोग की बैठक में भी राज्य सरकार ने इस विषय को उठाया था. साथ ही पीएम मोदी व जलशक्ति मंत्रालय से कई बार अनुरोध भी किया गया.
नीति आयोग की गवर्निंग बॉडी की बैठक में मुख्यमंत्री ने जहां एक तरफ राज्य को ग्रीन बोनस दिए जाने की वकालत की. वहीं, इस मुद्दे को भी पुरजोर तरीके से उठाया. दरअसल, दोनों ही परियोजनाएं राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. लंबे समय से राज्य सरकार भी इन दोनों परियोजनाओं को लेकर कोशिश करती रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत खुद इसके लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रियाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
देहरादून की पेयजल आपूर्ति में सौंग बांध की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. इससे देहरादून जिले को तीस वर्ष से अधिक निर्बाध जल की आपूर्ति सम्भव होगी. साथ ही ग्रेविटी पर पानी की उपलब्धता भी रहेगी. सौंग बांध के लिए हाईड्रोलॉजीकल क्लीयरेंस, इंटर स्टेट मैटर क्लीयरेंस एवं जल संवहन प्रणाली का डिजाईन का निरीक्षण आईआईटी रूड़की से करवा लिया गया है. बांध के डिजाईन, फॉरेस्ट क्लीयरेंस, पर्यावरणीय क्लीयरेंस पर काम होना बाकी है.
उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में प्रस्तावित जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है. इससे सिंचाई व पेयजल का लाभ मिलने के साथ ही बिजली भी मिलेगी. जमरानी बांध का भी हाईड्रोलॉजीकल क्लीयरेंस, डैम डिजाईन कन्सट्रक्शन मशीनरी का कार्य पूरा कर लिया गया है. फर्स्ट स्टेज फॉरेस्ट क्लीयरेंस, टीएसी प्रोजेक्ट का कार्य पूरा हो गया है. पर्यावरणीय क्लीयरेंस, स्टेज 2 फॉरेस्ट क्लीयरेंस का काम होना बाकी है.