गैरसैंण के मुद्दे पर फिर गरमाई उत्तराखंड की सियासत, हरीश रावत के दौरे को CM त्रिवेंद्र ने बताया सियासी
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गैरसैंण के मुद्दे पर फिर गरमाई उत्तराखंड की सियासत, हरीश रावत के दौरे को CM त्रिवेंद्र ने बताया सियासी

सियासी घमासान 2022 के चुनाव को लेकर है, हरीश रावत ने शिगूफा छोड़ा है कि अगर 2022 में सत्ता में आए तो 2024 तक गैरसैंण को स्थायी राजधानी बना देंगे.

हरीश रावत के गैरसैंण दौरे को सीएम रावत ने बताया सियासी.

देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर गैरसैंण को लेकर सियासत तेज हो गई है. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण जाने वाले हैं, तो वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे सियासी दौरा बताया है.

दरअसल, ये पूरा सियासी घमासान 2022 के चुनाव को लेकर है, हरीश रावत ने शिगूफा छोड़ा है कि अगर 2022 में सत्ता में आए तो 2024 तक गैरसैंण को स्थायी राजधानी बना देंगे. ऐसे में गैरसैंण के इर्द गिर्द घूमने वाली पहाड़ की सियासत फिर उसी मुद्दे पर आ खड़ी हुई है. कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने विकास के दावों की सच्चाई जनाने की बात करते हुए गैरसैंण दौरे का मन बनाया है. लेकिन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तंज कसते हुए कहा है कि हरीश रावत का गैरसैंण से कुछ लेना-देना नहीं है, वो सिर्फ सियासत कर रहे हैं.

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गैरतलब है कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का श्रेय त्रिवेंद्र सरकार को जाता है. लेकिन कोरोना की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों और अन्य कारणों की वजह से गैरसैंण के स्वरूप को लेकर शासन स्तर पर अभी बात शुरू नहीं हुई है. ऐसे में हरीश रावत ने इस मुद्दे को भुनाते हुए 2022 तक इसे स्थायी राजधानी बनाने का ऐलान कर दिया है.

वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी कांग्रेस और हरीश रावत को आड़े हाथ लिया है, उन्होंने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का जो वादा किया था, वो हमारी सरकार ने पूरा किया है. जबकि हरीश रावत के पास जब मौका था, तब उन्होंने कुछ नहीं किया. उन्हें सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए मुद्दा चाहिए होता है.

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