लखनऊ: हाथरस की पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि पुलिस ने युवती का जबरन अंतिम संस्कार नहीं किया है. प्रशांत कुमार ने कहा कि परिवारवालों की सहमति के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया गया है. उन्होंने कहा कि शव खराब हो रहा था, इसलिए उसे जलाया गया, जबरन अंतिम संस्कार नहीं किया गया. अंतिम संस्कार के वक्त पीड़िता के परिवार के लोग भी मौजूद थे. 


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आरोपों में सच्चाई नहीं: ADG


एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि कुछ महिलाओं की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन आरोपों में सच्चाई नहीं है. सच यही है कि परिवारवालों की मौजूदगी और सहमति से अंतिम संस्कार कराया गया है. देर रात पोस्टमॉर्टम के बाद जब डेडबॉडी गांव पहुंची, शव खराब हो रहा था, लिहाजा परिवार के लोगों ने सहमति जताई थी कि रात में ही अंतिम संस्कार कर देना उचित होगा. 


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एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर जिला प्रशासन ने ट्वीट किया था कि उसका अंतिम संस्कार परिवारवालों की मौजूदगी और उनकी सहमति से किया गया. आपको बता दें कि मंगलवार देर रात भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में हाथरस की पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया था. आरोप लगाए जा रहे थी कि पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार किया है. जिसके बाद यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने सफाई दी है. 


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गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाने क्षेत्र की रहने वाली युवती 14 सितंबर को दरिंदगी का शिकार हुई थी. गंभीर हालत में युवती को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था. इलाज के दौरान मंगलवार को पीड़िता की मौत हो गई है.


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