मेरठ: हिंसा में मरने वालों के परिवार से मिलना चाहते थे राहुल और प्रियंका, पुलिस ने वापस भेजा
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मेरठ: हिंसा में मरने वालों के परिवार से मिलना चाहते थे राहुल और प्रियंका, पुलिस ने वापस भेजा

नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हिंसा में मरने वालों के परिजनों से मिलने के लिए मेरठ गए कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने शहर के बाहर मेरठ बाईपास पर ही रोक दिया.

मेरठ: हिंसा में मरने वालों के परिवार से मिलना चाहते थे राहुल और प्रियंका, पुलिस ने वापस भेजा

मेरठ: नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हिंसा में मरने वालों के परिजनों से मिलने के लिए मेरठ गए कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने शहर के बाहर मेरठ बाईपास पर ही रोक दिया. उनको मेरठ शहर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई. राहुल गांधी ने कहा कि हमें मेरठ नहीं जाने दिया गया. हमें रोकने का पुलिस के पास कोई आदेश नहीं था. हम हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलना चाहते थे.

इस बीच यूपी के डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सीएए के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्‍होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस देश में शांति सद्भावना नहीं चाहती है. इस प्रकार की स्थितियां पैदा हो रही हैं. संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. इसके पीछे कौन हैं? कहीं कांग्रेस और सपा का हाथ तो नहीं है? कोई भी हो चाहें कांग्रेस या सपा के लोग हों जो भी कानून व्यवस्था से खिलावाड़ करेगा सख्ती से निपटा जाएगा. यूपी सरकार में मंत्री और राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता श्रीकांत शर्मा ने विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाया.

कांग्रेस का 'सत्‍याग्रह'
इससे पहले दिल्‍ली के राजघाट में सोमवार शाम को कांग्रेस ने सीएए के खिलाफ सत्‍याग्रह किया. वहां प्रियंका गांधी ने संविधान की प्रस्तावना को हिंदी में पढ़ने से पहले सीएए प्रदर्शन में मारे गए लोगों को 'शहीद' कहा और सभी लोगों का नाम लिया. उनकी पार्टी ने संविधान की रक्षा का संकल्प लिया.

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उन्होंने बिजनौर के 22 वर्षीय अनस व 21 वर्षीय सुलेमान का नाम लिया. अनस, कॉफी-वेंडिंग मशीन के जरिए अपने परिवार के लिए पैसा कमाता था और उसकी हाल में शादी हुई थी. सुलेमान यूपीएससी की पढ़ाई कर रहा था. प्रियंका ने कहा कि रविवार को सुलेमान की मां की आंखों में आंसू थे और उन्होंने कहा कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया.

प्रियंका गांधी ने कहा, "इस आंदोलन में शहीद हुए सभी बच्चों के नाम पर.. आज हम संकल्प लेते हैं कि हम संविधान की रक्षा करेंगे और इसे बर्बाद करने की इजाजत नहीं देंगे." वेणुगोपाल ने कहा कि विरोध 'सत्तावादी सरकार' के खिलाफ और आंदोलनकारी छात्रों व नागरिक समाज के साथ खड़े होने के लिए है. यह विरोध सरकार को भारत के संविधान की ताकत की याद दिलाने के लिए भी है.

प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा और ए.के.एंटनी शामिल थे. इससे पहले बीते सप्ताह प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर मौजूद रही थीं और उन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की थी.

सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने छात्रों व युवाओं के साथ एकजुटता दिखाते हुए सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने से पहले संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा. छात्र व युवक, नागरिकता संशोधन विधेयक के 13 दिसंबर को पारित होने के बाद से देश भर में नए कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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