14 जनवरी 2019 को पुलवामा हमले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रमेश यादव शहीद हो गए थे.
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वाराणसी, नवीन पांडे: 14 जनवरी 2019 को पुलवामा हमले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रमेश यादव शहीद हो गए थे. एक साल बीत गया पर परिवार में अभी भी रमेश का नाम लेते ही मां की आंखे भर आती हैं. मां का कहना है कि 'हमे गर्व है अपने बेटे पर कि उसने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है, अगर जरूरत पड़ी तो वो पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सरहद पे अपने एक और बेटे को भेजेगी जो देश की रक्षा करेगा और अपने भाई का बदला लेगा.
आपको बता दें कि रमेश यादव अपने घर मे कमाने वाले अकेले थे. जिनसे पूरे परिवार का खर्चा चलता था. वहीं सरकार की तरफ से रमेश यादव की पत्नी को वाराणसी के जिलाधिकारी कार्यालय में क्लर्क के पद पे नौकरी मिल गयी है और सरकार की तरफ से किया गया वादा भी पूरा कर दिया गया है, पर मां का चाहती है कि उनके नाम का स्मारक सड़क बने.
वाराणसी के तोफापुर निवासी रमेश यादव की मां अपने बेटे की फोटो को देख उन्हें याद हुए उनकी शहादत पर गर्व करती है.
रमेश यादव CRPF में 2017 तैनात हुए थे. जो एक महीने की छुट्टी बिताने के बाद ड्यूटी के लिए जा रहे थे. तभी पुलवामा में आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें उनकी मौत हो गई. रमेश यादव के एक भाई और एक बहन है उनका एक तीन साल का बेटा है, जो अब फ़ोटो देख कर अपने पिता को याद करता है. रमेश के सहारे ही पूरा परिवार चलता था जो उनके जाने के बाद टूट सा गया.
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रमेश यादव की मां के साथ ही पूरा परिवार रमेश को याद करके अपने आंसू नही रोक पता है. उनकी बहन सरोज आज भी वो दिन नही भूलती है जब रमेश यादव छुट्टी पर जाने से पहले उनसे होली पर आने की बात कह कर गए थे. ये बातें याद करके बहन भी अपने आंसू नही रोक पाती है.
सरकार की तरफ से शहीद रमेश यादव की पत्नी को जिलाधिकारी कार्यालय में क्लर्क की नौकरी दी गयी है, तो वहीं घर पे जाने के लिए सरकार ने पक्की सड़क तक बनवा दी है. घर के लोग शहीद रमेश यादव के नाम की सड़क और स्मारक की मांग कर रहे हैं.