Aaj Ka Panchang 6 November: जानें सोमवार का पंचांग, जानें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय
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Aaj Ka Panchang 6 November: जानें सोमवार का पंचांग, जानें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय

Aaj ka Panchang 6 November 2023: सोमवार, 6 नवंबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि दिन है.  इस तिथि पर चंद्रमा मेष राशि में मौजूद होंगे. आइये जानते हैं आज का पंचाग...

Aaj Ka Panchang 6 November: जानें सोमवार का पंचांग, जानें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय

Aaj ka Panchang 6 November  2023: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 6 November 2023 का पंचाग... 

Today Panchang: 6 नवंबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि और सोमवार का दिन

 

06 नवंबर 2023 का शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि
6 नवंबर को पूरा दिन रहने के बाद कल सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक.

शुक्ल योग
6 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 25 मिनट तक.

आश्लेषा  नक्षत्र
6 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट तक.

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय-सुबह 6:36 बजे
सूर्यास्त- शाम 5:33 बजे

राहुकाल का समय
दिल्ली में सुबह 07:58 से सुबह 09:20 तक. 
मुंबई में सुबह 08:06 से सुबह 09:31 तक.
चंडीगढ़ में सुबह 08:02 से सुबह 09:23 तक.
लखनऊ में सुबह 07:41 से सुबह 09:04 तक.
भोपाल में सुबह 07:51 से सुबह 09:15 तक.
कोलकाता में सुबह 07:07 से सुबह 08:31 तक.
अहमदाबाद में सुबह 08:10 से सुबह 09:34 तक.
चेन्नई में सुबह 07:31 से सुबह 08:58 तक.

 

ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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