Sawan 2024: यूपी का वो चमत्कारिक शिव मंदिर, हर साल बढ़ रहा स्वयंभू शिवलिंग का आकार
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Sawan 2024: यूपी का वो चमत्कारिक शिव मंदिर, हर साल बढ़ रहा स्वयंभू शिवलिंग का आकार

Sawan 2024:  मंदिरों में महादेव की पूजा अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. कई शिव मंदिर ऐसे हैं, जिनकी खास विशेषता है. इन्हीं में से एक है चंदौली का बाबा जागेश्वनाथ शिवालय. मान्यता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग एक जौ के बराबर प्रतिवर्ष बढ़ते हैं.

Sawan 2024: यूपी का वो चमत्कारिक शिव मंदिर, हर साल बढ़ रहा स्वयंभू शिवलिंग का आकार

चंदौली: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है. आज सावन का दूसरा सोमवार है. मंदिरों में महादेव की पूजा अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. कई शिव मंदिर ऐसे हैं, जिनकी खास विशेषता है. इन्हीं में से एक है चंदौली जिले के चकिया तहसील क्षेत्र के हेतिमपुर गांव में याज्ञक्लक्य की तपोभूमि पर स्थित का बाबा जागेश्वनाथ शिवालय. मान्यता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग एक जौ के बराबर प्रतिवर्ष बढ़ते हैं.

पौराणिक कथा
वाराणसी के गजेटियर में इससे जुड़ी कथा के अनुसार यह क्षेत्र महर्षि याज्ञवलक्य की तपोभूमि के नाम से जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा महाराजाओं की लड़ाई के दौरान में हाथी को लेकर हाथी वान उसी जंगल में ठहर गया. अपने हाथी को खिलाने के लिए आस पास ही पीपल के पेड़ पर चढ़ गया. कुल्हाड़ी की मदद से पेड़ की टहनी काटकर गिराने लगा. 

मंदिर का कराया निर्माण
इसी दौरान उसके हाथों से कुल्हाड़ी छिटकर नीचे एक चट्टान पर जा गिरा. कुल्हाड़ी गिरने पर चट्टान से खून रिसने लगा. इसकी चर्चा आसपास के जंगलों में रहने वालों को हुई तो कुछ लोगों ने इस जगह मंदिर का निर्माण करा दिया. बाद में तत्कालीन काशी नरेश के पार्षद हजारी साहब ने इस स्थल पर मंदिर का निर्माण करा दिया. माना जाता है कि स्वयंभू शिवलिंग एक जौ के बराबर प्रतिवर्ष बढ़ते हैं. 

चंद्रप्रभा नदी से जुड़ाव
जागेश्वर नाथ धाम में स्थित स्वयंभू शिवलिंग से चंद्रप्रभा नदी का सीधा जुड़ाव है. चंद्रप्रभा नदी के किनारे स्थित 1 कुंड है, इससे आज भी शुद्ध शीतल पेय जल निकलता है. गर्मी के दिनों में भी यह कुंड कभी सूखता नहीं है. इस कुंड से बराबर पानी गिरता रहता है. इस कुंड में पानी कहां से आता है. आज तक किसी को पता नहीं चला. इस कुंड की सबसे बड़ी खासियत है यही है कि चाहे जाड़ा गर्मी हो या अकाल पड़े इससे पानी सदा गिरता रहता है यह कभी सूखता नहीं है. इससे निकलने वाला पानी शुद्ध होता है.

लगता है भक्तों का तांता
बाबा जागेश्वर नाथ के धाम पर प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है तथा मेले का भी आयोजन किया जाता है. श्रद्धालुओं द्वारा स्वयंभू शिवलिंग का जलाभिषेक भी किया जाता. पौरानिक मान्यता है जो भी श्रद्धालु मन से मनोकामना मानता है, जागेश्वर नाथ उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

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