Pitra Dosh 2023: आपके साथ होने वाली बुरी घटनाओं का कारण हो सकते हैं आपके पूर्वज, इन संकेतों से पहचानें पितरों की नाराजगी
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Pitra Dosh 2023: आपके साथ होने वाली बुरी घटनाओं का कारण हो सकते हैं आपके पूर्वज, इन संकेतों से पहचानें पितरों की नाराजगी

Pitra Paksha 2023: कभी-कभी घर में परेशानियों का कारण आपके मृत पूर्वज भी हो सकते हैं... वास्तु शास्त्र के अनुसार जाने-अनजाने में आप ऐसी कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण पूर्वज नाराज हो जाते हैं और हर समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है...

Pitra Dosh 2023: आपके साथ होने वाली बुरी घटनाओं का कारण हो सकते हैं आपके पूर्वज, इन संकेतों से पहचानें पितरों की नाराजगी

Pitra Dosh 2023: प्राचीन काल से ही हमारे देश में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने की प्रथा चली आ रही है. पितरों के प्रति अपनी कृतज्ञता और ऋण जाहिर करने के इस पर्व को पितृपक्ष कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इन दिनों हमारे पूर्वज धरती पर आकर हमारे बीच में रहते हैं. हमारे जीवन में बहुत सी परेशानियां आती हैं, तनाव और अशांति बनी रहती है. इसके कई कारण हो सकते हैं. कभी-कभी हमारी परेशानियों का कारण पूर्वज भी हो सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वो हमसे नाराज होते हैं. हालांकि पितरों के नाराज होने पर व्यक्ति को कुछ संकेत मिलने लगते हैं. इस लेख में जानते हैं कि ऐसे कौन से संकेत हैं जो ये बताते हैं कि पितृ नाराज चल रहे हैं.

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क्या होता है पितृदोष?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब हमारे पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती, तो ये आत्माएं पृथ्वी लोक में रहने वाले अपने वंश के लोगों को परेशान करती हैं.इसी को ज्योतिष में पितृदोष कहा गया है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मृत्यु लोक पर हमारे पूर्वजों की आत्माएं अपने परिवार के सदस्यों को देखती रहती हैं. जो लोग अपने पूर्वजों का अनादर करते हैं, या उन्हें कष्ट देते हैं. इससे दुखी होकर दिवंगत आत्माएं उन्हें शाप देती हैं. इसी शाप को पितृ दोष माना जाता है. यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो इस समय सभी काम छोड़कर केवल पितरों को प्रसन्न करने में जुट जाना चाहिए.

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कैसे बनता है कुंडली में पितृ दोष?
1-जब किसी व्यक्ति की कुंडली के लग्न भाव और पांचवें भाव में सूर्य मंगल और शनि विराजमान होते हैं, तो पितृदोष बनाते हैं. 
2-कुंडली के अष्टम भाव में गुरु और राहु एक साथ आकर बैठते हैं, तो भी पितृदोष  होता है. 
3-जब कुंडली में राहु केंद्र में या त्रिकोण में मौजूद होता है, तो पितृ दोष बनता है. 
4-जब कोई व्यक्ति अपने से बड़ों का अनादर करता है, या फिर उसकी हत्या कर देता है, तो ऐसे व्यक्ति को पितृ दोष लगता है.
5-जब सूर्य, चंद्रमा और लग्नेश का राहु से संबंध होता है, तो जातक की कुंडली में पितृ दोष बनता है. 

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पितृदोष के लक्षण
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृदोष होता है. तो ऐसे इंसान को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे व्यक्ति के विवाह में देरी होती है, शादी शुदा लोगों का जीवन तनाव से भर जाता है,ऐसी महिलाओं को गर्भधारण में समस्याएं आती हैं, बच्चे की अकाल मृत्यु, जीवन में कर्ज और नौकरी में परेशानियां, घर में या परिवार में आकस्मिक निधन या दुर्घटना,परिवार में विकलांग या अनचाहे बच्चे का जन्म होना, इसके अलावा व्यक्ति को बुरी आदतों की लत भी लग सकती है.

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