Navratri 2023: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना, जानें किन अचूक, महाउपायों को करने मिलेगा लाभ
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Navratri 2023: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना, जानें किन अचूक, महाउपायों को करने मिलेगा लाभ

Navratri 2023: नवरात्रि में मां शैलपुत्री की पूरे मन से पूजा करने से जीवन के संकट समाप्त होते हैं. माता की पूजा करने से क्लेश और नकारात्मक शक्तियां जीवन से दूर होती हैं.

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Shardiye Navratri 2023: आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना करने की परंपरा है. देवी मां पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं ऐसे में उनका नाम शैलपुत्री है. यह देवी मां का पहला स्वरूप है. माता शैलपुत्री स्वरूप की उपासना वाले इस दिन को अगर भक्त कुछ विशेष उपाय करें तो माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है साथ ही अपने जीवन की कई परेशानियों को भी दूर कर सकते हैं. आइए कुछ विशेष उपायों के बारे में जानते हैं. 

मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि में सुबह-शाम पूजा और आरती करें. मां शैलपुत्री की प्रतिमा या चित्र को एक लकड़ी के पटरे पर स्थापित करें. ध्यान रहे लाल या सफेद वस्त्र बिछाना है. माता को सफेद वस्तु प्रिय है. सफेद फूल और सफेद वस्त्र माता को अर्पित करें. सफेद बर्फी का भोग चढ़ाएं. 

मां शैलपुत्री से जुड़े उपाय 
आइए कुछ उपाय भी जान लेते हैं. 
पान का एक पत्ता लें और उस पर लौंग सुपारी मिश्री रखें, मां शैलपुत्री को इसे चढ़ा दें. इस उपाय से हर इच्छा की पूर्ति होती है. 
नवरात्रि के प्रथम दिन जब उपासना शुरू करें तो मन को मूलाधार चक्र में स्थित करें. 
माता शैलपुत्री की पूजा करने से मूलाधार चक्र जागृत किया जा सकता है जिससे कई सिद्धियों की प्राप्ति होती है.
उत्तर दिशा में मुंह करके बैठें और 108 बार ॐ शैलपुत्रये नमः मंत्र का जाप करें. 
जाप के बाद लौंग को कलावे से बांधे और एक माला बनाएं. अपनी इच्छा बोलकर लौंग की माला को माता शैलपुत्री को अर्पण करें. हर काम में सफलता मिल जाएगी. 

शैलपुत्री की पूजा के बाद दोपहर में करें ये उपाय
नवरात्रि के पहले दिन पूजा करने के बाद दोपहर के समय लाल वस्त्र धारण कर देवी मां को लाल फूल व लाल फल चढ़ाएं. ताम्बे का सिक्का भी माता को अर्पित करें. इसके बाद "ॐ दुं दुर्गाय नमः " या ''ॐ शैलपुत्रये नमः'' मंत्र का पूरे मन से जाप करें. इसके बाद सूर्य के मंत्र का जाप करें. मंत्र है "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" जिसका कम से कम तीन माला जाप पूरे मन से करें. फिर तांबे का छल्ला धारण कर लें. इस उपाय को करने से कुंडली में सूर्य प्रबल होगा.

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