Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर पितरों से क्षमा के लिए क्या दान करें क्या नहीं? ऐसे दूर होगा पितृदोष
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Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर पितरों से क्षमा के लिए क्या दान करें क्या नहीं? ऐसे दूर होगा पितृदोष

Somvati Amavasya 2024: इस बार भाद्रपद की अमावस्या सोमवार यानी आज है. इस खास संयोग पर पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं. माना जाता है कि अगर इन विशेष वस्तुओं का दान किया जाए तो इससे पितृ दोष तो दूर होता ही है साथ ही सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है.

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर पितरों से क्षमा के लिए क्या दान करें क्या नहीं? ऐसे दूर होगा पितृदोष

Somvati Amavasya 2024: सनातन धर्म में अमावस्या का खास महत्व होता है. एक साल में कुल 12 अमावस्या तिथि आती है. ऐसे में सोमवती अमावस्या कुछ खास हो जाती है. वैसे तो अमावस्या के दिन पूजा-पाठ, स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन सोमवती अमावस्या की बात ही कुछ और है. मान्यता है कि अगर विधि विधान से इस दिन स्नान दान किया जाए तो पितृ दोष दूर होने के साथ-साथ सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. इस बार सोमवती अमावस्या 2 सितंबर यानी आज है. क्योंकि ये अमावस्या सोमवार के दिन है, इसलिए ये सोमवती अमावस्या कही जा रही है.  

अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है या आप पितरों के आशीर्वाद से वंचित हैं. या फिर कोई अन्य परेशानी से जुझ रहे हैं तो इस दिन पर कुछ चीजों का दान करके अपने पितरों से आशीर्वाद लें. जिससे आपको इन परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. आइए जानते हैं पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए क्या करें?

इन चीजों का करें दान
वस्त्र करें दान
गरुड़ पुराण की मानें तो सोमवती अमावस्या को पितरों को याद करें और उनसे भूल चूक के लिए माफी मांगकर, उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें. फिर कुछ वस्त्रों जैसे धोती, गमछा और बनियान का दान करना चाहिए. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते है और जातक को आशीर्वाद देते हैं.

काले तिल का दान
काले तिल को बेहद शुभ माना जाता है. इनका दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं. साथ ही अशुभ शक्तियों से बचाव होता है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर स्नान के बाद काले तिल का दान करने से पितृ दोष दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

7 तरह के अनाज का दान
इस दिन ग्रहों की शांति के लिए सप्तधान यानी 7 तरह के अनाज का दान करें. ये काफी शुभ माना जाता है. सप्तधान में चावल, गेहूं, जौ, काला चना, सफेद तिल, मूंग दाल, मक्का या मसूर दाल शामिल होते हैं. आपको बता दें, चावल को समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है. गेहूं को जीवन का आधार माना जाता है.

जौ का दान
जौ को स्वास्थ्य और लंबी उम्र का प्रतीक माना गया है. वहीं, मूंग को शीतलता और शांति का प्रतीक माना जाता है. चना को बल और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. मक्का को समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक माना जाता है. चावल से चंद्रमा, गेहूं से सूर्य, काला चना से शनि, सफेद तिल से शुक्र, हरी मूंग से बुध और मसूर दाल से मंगल ग्रह मजबूत होते हैं. इनसे जुड़े दोष दूर होते हैं.

चंद्रमा से जुड़ी चीजों का दान
इस दिन पितरों का आशीर्वाद लेने के लिए चंद्रमा से संबंधित चीजों का दान कर सकते हैं. जिन वस्तुओं को चंद्रमा से संबंधित बताया गया है उनमें दूध, चावल, चांदी और सफेद वस्त्र का नाम शामिल है. इसके अलावा पितृ दोष से मुक्ति पाने और पितरों की प्रसन्नता व उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए क्षमतानुसार भूमि का दान भी किया जा सकता है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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