Bareilly News: त्रिशूल और डमरू पर क्यों भड़के मौलाना, संभल शांत तो नाथ नगरी बरेली की सड़कों पर हिन्दू प्रतीक चिन्हों पर बवाल
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Bareilly News: त्रिशूल और डमरू पर क्यों भड़के मौलाना, संभल शांत तो नाथ नगरी बरेली की सड़कों पर हिन्दू प्रतीक चिन्हों पर बवाल

Bareilly Latest News in Hindi: संभल जामा मस्जिद पर विवाद अभी शांत नहीं हुआ है कि पड़ोसी जिले बरेली में त्रिशूल और डमरू को लेकर बवाल शुरू हो गया है. बरेली के मौलाना हिन्दू धार्मिक प्रतीक चिन्हों को लेकर भड़क गए हैं. 

Bareilly Nath Nagari Corridor

Nath Nagari Corridor: बरेली में नाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेज है और इसके तहत मंदिरों के रास्तों पर बिजली के खंभों और चौराहों को भी नया रूप दिया जा रहा है. इसमें बिजली के खंभों पर त्रिशूल की आकृति और चौराहे पर भगवान शिव के विशाल डमरू को लगाए जाने पर ही मौलाना भड़क गए हैं. इसको लेकर बरेली के मुस्लिम संगठन खुलकर सामने आ गए हैं. उनका कहना है कि नाथ नगरी कॉरिडोर के नाम पर सिर्फ हिन्दू धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. बरेली शिव के साथ आला हजरत, स्वतंत्रता संघर्ष में कुर्बानी देने वाले तमाम जननायकों के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में चौराहे, सड़क या पार्कों का नाम सिर्फ हिन्दू धर्म के नाम पर करना सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना है.  

बरेली में स्ट्रीट लाइट पर त्रिशूल लगाने को लेकर मौलाना शाहबुद्दीन भी भड़के. उन्होंने यहां तक धमकी दे डाली कि त्रिशूल के निशान नहीं हटे तो हम इस्लामिक झंडा हर चौराहे और खंभे पर फहराएंगे. ये आला हजरत का शहर है और यह नाथ नगरी नहीं है. यह त्रिशूल नगरी नहीं बन सकती. ये लोकतंत्र के साथ नाइंसाफी है, क्योंकि त्रिशूल धार्मिक निशान है. त्रिशूल लगाने का मकसद सांप्रदायिक दंगा कराना है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रिज़वी ने भी कहा कि ये लोकतांत्रिक देश है. सबकी अपनी अपनी आस्था अपना रहन सहन का अधिकार है. ये देश किसी ख़ास मजहब का नहीं है. यहां सब हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई रहते हैं. न ही बरेली की कोई मजहबी पहचान है. मगर यहां सरकारी खंबों पर एक ख़ास मजहब के चिन्ह लगाए जा रहे.

ये गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए. ये संविधान के मुताबिक़ नहीं है, ये इंसाफ नहीं है. अगर इस तरह होगा तो मुस्लिम भी सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल अपने महजब के लिए करेंगे. ऐसा होने पर बरेली की साख को बट्टा लगेगा.. बरेली की छवि धूमिल होगी..ये सरासर ना इंसाफ़ी है.. इसका बरेली के मुसलमान जबरदस्त विरोध होगा. प्रदेश में पक्षपात वाले काम हो रहे हैं. अगर बरेली में पार्क, इमारतें हिन्दू धर्मगुरु के नाम पर रखे जा रहे हैं. मगर मुसलमान के महान हस्तियों के नाम पर अगर नहीं रखे गए तो हम इसका विरोध करेंगे और अपने हक छीनने का काम करेंगे.

 

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