Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर न करें ये 3 काम, नहीं तो घर में छा जाएगी कंगाली
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Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर न करें ये 3 काम, नहीं तो घर में छा जाएगी कंगाली

Vaishakh Amavasya 2024: हिंदू धर्म में वैशाख माह का बहुत महत्व है. इस दिन क्षौर्य कार्य समेत कई और काम करने से खुद को दूर रखें. इस नाखून काटना व बाल काटने से बचें.

Vaishakh Amavasya 2024

Vaishakh Amavasya 2024 Date : हिंदू धर्म में वैशाख माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का बहुत महत्व बताया गया है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस शुभ तिथि को पितरों के लिए समर्पित किया गया है यानी इस दिन पितरों की आत्मिक शांति के लिए पवित्र नदी में स्नान ध्यान कर पितरों का तर्पण करने के बारे में बताया गया है. इस दिन दान करना अति आवश्यक बताया गया है. गरीबों को भोज कराने से भी इस दिन पितरों की आत्मा को बड़ी शांति मिलती है. आइए जानें कि इस दिन कौन से काम कतई न करें. दरअसल, हम आपको उन तीन कामों के बारे में बताएंगे जिस करने से वैशाख माह की अमावस्या पर गृह दोष लग सकता है. इस दिन पितरों की आत्मा को बहुत शांति प्राप्त होती है. 

जानें कब है वैशाख अमावस्या
हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस साल 07 मई, 2024, मंगलवार को सुबह के 11.40 बजे प्रारंभ हो रही है. यह तिथि 08 मई बुधवार को सुबह के 08.51 बजे समाप्त हो रही है. उदया तिथि के अनुसार अमावस्या तिथि 8 मई को पड़ रही है.

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वैशाख अमावस्या पर कतई न करें ये काम
पितरों की आत्मिक शांति के लिए जातक भूलकर भी इस तिथि पर कुछ तय काम न करें. दरअसल, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह तिथि एकदम शुभ मानी जाती है. ऐसे में ध्यान रखें कि वैशाख अमावस्या पर भूलकर भी शराब व मांस का सेवन न करें. किसी भी तरह के तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखें. इस दिन झाड़ू न खरीदें. ऐसा करने से घर से लक्ष्मी देवी निकल जाती है और नाराज हो जाती हैं. इस दिन किसी भी तरह के क्षौर्य कार्य न करें यानी इस दिन- नाखून न काटें, बाल न कटवाएं, और ऐसे ही कई और काम न करें. वैशाख अमावस्या पर सिर में तेल डालना भी वर्जित है. 

इस मंत्र का जाप तो कर सकते हैं लेकिन इससे पहले अपने विशेषत्र से जरूर राय ले लें. 
ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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