बोटी-बोटी काटने की धमकी... सहारनपुर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के केस में आएगा फैसला, जा सकती है सांसदी
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बोटी-बोटी काटने की धमकी... सहारनपुर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के केस में आएगा फैसला, जा सकती है सांसदी

Imran Masood Hindi News: सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले मामले में आरोप तय हो गए हैं. अदालत जल्द ही उनके खिलाफ फैसला सुना सकती है. 

Saharanpur News Imran Masood

Saharanpur News Imran Masood: सहारनपुर सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को उनका दस साल पुराना बयान भारी पड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देने वाले मसूद के खिलाफ अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं. जल्द ही उनके मामले में फैसला आ सकता है. अगर दो साल से ज्यादा सजा हुई तो उन्हें संसद सदस्यता भी गंवानी पड़ सकती है.  

लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में इमरान मसूद ने यह विवादित बयान दिया था. मसूद ने कहा था, 'नरेंद्र मोदी को जवाब कौन देगा, इमरान मसूद, ठोंक के जवाब दूंगा. गुजरात में चार परसेंट मुसलमान हैं, सहारनपुर में 42 फीसदी. बोटी-बोटी काट देंगे'. इस बयान पर खूब सियासी बवाल मचा था. तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था. वो हिन्दुत्व का प्रबल चेहरा बनकर उभरे थे. मसूद के बयान से वोटों का ध्रुवीकरण तेज हुआ. उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अपने बलबूते 71 सीटें जीतकर विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया.

इमरान मसूद भी चुनाव हार गए थे. इसके बाद वो समाजवादी पार्टी और बसपा में भी रहे, लेकिन सियासी कामयाबी उन्हें नहीं मिली. मसूद फिर कांग्रेस में वापस लौट आए और सहारनपुर से फिर किस्मत आजमाई. सपा-कांग्रेस गठबंधन में मसूद को कामयाबी मिली और वो दोबारा लोकसभा पहुंच गए. हाल ही में उन्होंने वक्फ बिल को लेकर भी विवादित बयान दिया. उन्होंने दावा किया था कि मुसलमानों से कब्रिस्तान छीन लिए जाएंगे. मस्जिद छीन ली जाएंगी. 

चुनाव आचार संहिता के बीच इमरान मसूद पर इस बयान को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई थी और उन्हें कई महीने जेल में बिताने पड़े थे. सरकारी अभियोजक का कहना है कि एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में 19 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. फिर अदालत ने आरोप तय किए हैं. मसूद के खिलाफ 27 मार्च 2014 को आचार संहिता का उल्लंघन करने, सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने और अनुसूचित जाति के विधायकों के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मसूद ने बीएसपी के दो विधायकों पर जातिसूचक टिप्पणी की थी

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