सपा ब्राह्मण वोटर्स को साधने के लिए भगवान परशुराम की 108 फीट मूर्ति लगाने का ऐलान कर चुकी है. जबकि बसपा ने सरकार बनने पर सपा से भी बड़ी परशुराम की प्रतिमा लगाने का वादा किया है.
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लखनऊ: 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के 12 फीसदी ब्राह्मण वोट बैंक को लेकर पार्टियों में होड़ मच गई है. सपा-बसपा और कांग्रेस के बाद ब्राह्मणों को लेकर गरमाई सियासत में बीजेपी ने एंट्री मारी है.
BJP MLC उमेश द्विवेदी ने दावा किया है कि प्रदेश के गरीब 'ब्राह्मणों' का बीमा किया जाएगा. इसके लिए पार्टी प्रस्ताव तैयार कर रही है. उन्होंने बताया कि बीमा को लेकर मसौदा लगभग तैयार भी हो चुका है, जिसे जल्द मुख्यमंत्री के सामने पेश जाएगा.
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ब्राह्मणों को चाहिए मान-सम्मान: मायावती
ब्राह्मणों को साधने के लिए बीजेपी की ओर से चली गई चाल पर सपा-बसपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए बीजेपी गरीब ब्राह्मणों का बीमा कराने की बात कर रही है. जबकि ब्राह्मण समाज को वास्तव में बीमा से पहले सरकार से अपने मान-सम्मान व पूरी सुरक्षा की गारंटी चाहिए.
यूपी भाजपा सरकार द्वारा गरीब ब्राह्मणों का बीमा कराने की बात इस वर्ग के प्रति केवल अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए ही लगता है, जबकि ब्राह्मण समाज को वास्तव में बीमा से पहले उन्हें सरकार से अपने मान-सम्मान व पूरी सुरक्षा की गारण्टी चाहिए। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर है।
— Mayawati (@Mayawati) August 17, 2020
सपा ने पूछा- क्या पीएम की स्कीम पर भरोसा नहीं?
वहीं, सपा प्रवक्ता अभिषेक मिश्रा ने पूछा कि जिस मेडिकल इंश्योरेंस की बात प्रधानमंत्री मोदी करते हैं, क्या उस पर बीजेपी को विश्वास नहीं है? जिसे वह बताते हैं कि देश के हर नागरिक तक स्कीम का लाभ पहुंच रहा है, लेकिन आखिर क्या वजह है जो उस पर भरोसा ना कर मुख्यमंत्री से नई स्कीम तैयार करवाई जा रही है.
बता दें कि सपा ब्राह्मण वोटर्स को साधने के लिए भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगाने का ऐलान कर चुकी है. जबकि बसपा ने सरकार बनने पर सपा से भी बड़ी परशुराम प्रतिमा लगाने की बात कही है. साथ ही अन्य महापुरुषों के नाम पर आधुनिक अस्पताल और लोगों के ठहरने के लिए कम्युनिटी सेंटर बनवाने का वादा किया है. जबकि कांग्रेस ने भी सरकार को पत्र लिख रद्द किए गए परशुराम जयंती के अवकाश को एक बार फिर से देने की मांग की है.
प्रदेश में अब तक 6 ब्राह्मण मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से अब तक 6 ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन 1990 के मंडल आंदोलन के बाद यूपी को कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री नहीं मिला है. जिसकी वजह ये रही कि यूपी की सियासत पिछड़ों, मुस्लिमों और दलितों पर केंद्रित हो गई. ऐसे में ब्राह्मण समाज से आने वाले गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद एक बार फिर विपक्षी पार्टियों को सत्ता में वापसी के लिए ब्राह्मणों की याद आई है.
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