आवास बनाने के नाम पर डकारे पैसे, कागजों पर बनाए शौचालय, सचिव और पूर्व प्रधान ने किया जमकर भ्रष्टाचार
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आवास बनाने के नाम पर डकारे पैसे, कागजों पर बनाए शौचालय, सचिव और पूर्व प्रधान ने किया जमकर भ्रष्टाचार

सैकड़ों शौचालय का निर्माण कागज में हो चुका है लेकिन धरातल पर कुछ ही शौचालय बने हैं. पूर्व प्रधान जी के मेहरबानी से जो कुछ शौचालय बने भी है तो वो भी आधे-अधूरे बने हैं जो इस्तेमाल करने लायक नहीं है. 

आवास बनाने के नाम पर डकारे पैसे, कागजों पर बनाए शौचालय, सचिव और पूर्व प्रधान ने किया जमकर भ्रष्टाचार

चंदौली: जहां एक तरफ केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है ताकि ग्रामीणों को आवास, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. लेकिन कुछ भ्रष्ट सरकारी नुमाइंदे सरकार के इरादे और योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. चंदौली में ऐसा मामला सामने आया है जहां पर सुविधाओं के नाम पर जमकर धांधली की गई है.

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यहां का है मामला
पूरा मामला चकिया विकास खण्ड के भटवारा खुर्द गांव का है, जहां सेक्रेटरी प्रमोद कुमार ने पूर्व प्रधान से मिलकर गांव में जमकर भ्रष्टाचार किया. प्रधान ने आवास देने के नाम पर ग्रामीणों से बीस हजार रुपये वसूल किए. जिसके चलते आज भी गांव में कई आवास अधूरे पड़े हैं. आधे-अधूरे आवास पर तीन शेड लगाकर लाभार्थी रहने को मजबूर है.

शौचालय में भी जमकर भ्रष्टाचार
शौचालय में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया. सैकड़ों शौचालय का निर्माण कागज में हो चुका है लेकिन धरातल पर कुछ ही शौचालय बने हैं. पूर्व प्रधान जी के मेहरबानी से जो कुछ शौचालय बने भी है तो वो भी आधे-अधूरे बने हैं जो इस्तेमाल करने लायक नहीं है. भटवारा कला के पूर्व प्रधान जी ने शौचालय का पैसा लाभार्थियों के खाते में न भेजकर घटिया किस्म के मैटेरियल से शौचालय का निर्माण खुद कराया. ग्रामीणों के द्वारा शौचालय का पैसा मांगने के बाद भी पूर्व प्रधान ने शौचालय का पैसा ग्रामीणों को नहीं दिया. जिसके चलते आज भी ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं.

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सचिव प्रमोद कुमार के कारण नहीं हो पा रहा मनरेगा का काम-प्रधान
मामले में वर्तमान प्रधान भटवारा खुर्द निखिल कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हमारे यहां जो मनरेगा का कार्य चल रहा है. अन्य गांव में भी चल रहा है. मेरे गांव में सबसे बड़ा बाधा सचिव प्रमोद कुमार उत्पन्न कर हैं. इनके कारण मेरे गांव में मनरेगा का कार्य नहीं हो पा रहा है. 

सचिव के साइन के वजह से मेरा हर काम बाधित 
मेरे पास बहुत सी फाइलें पड़ी हुई है जिस पर एक साइन के वजह से मनरेगा का कार्य नहीं हो पा रहा है और इस कोरोना काल में महामारी में जितने भी मजदूर वर्ग के लोग परेशान हैं. मैं चाहता हूं कि मैं वर्तमान प्रधान हूं मैं इनको काम दे सकूं लेकिन सचिव के साइन के वजह से मेरा हर काम बाधित पड़ा हुआ है और सचिव मुझसे हर बार कहते हैं कि मेरा और आपका नही पटेगा. आप मुझे हटवा दीजिये.

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प्रशासन से की अपील
उन्होंने कहा कि मेरा सरकार से और प्रशासन में बैठे लोगों से निवेदन है कि तत्काल इस कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाए. पूर्व प्रधान और सेक्रेटरी के द्वारा अभी तक मुझे जो शौचालय की लिस्ट मिली है, उसमें कई लोग ऐसे जिनको शौचालय का एक भी रुपया नहीं मिला. वहींआवास में आठ लोगों का नाम है लेकिन किसी का लेन्टर तक बना है. दूसरी क़िस्त किस आधार पर जारी हो गया.

जिलाधिकारी ने गठित की जांच टीम
जब मामले के बारे में जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भटवारा खुर्द जो कि चकिया विकास खण्ड में है. वहां के नव निर्वाचित प्रधान हैं उनके द्वारा इस तरह के आरोप लगाये गए हैं और जो सचिव है उसके द्वारा दबंगई की जा रही है और पूर्व प्रधान द्वारा आवास में पैसा लिया गया है. इस शिकायत पर जांच टीम गठित की गई है और किसी भी दशा में अनिमियता की गई है तो दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी. 

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