Health Tips: बहुत से लोग खाने बनाते समय कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे अनेक बीमारियां को दावत मिलती है. खाना बनाने के तरीके में गलतियां आपको हॉस्पिटल पहुंचा सकती हैं. खाने को जहरीला न होने दें. पढ़ें यह लेख और सचेत रहें.
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Cooking Mistakes: जैसे खाएंगे अन्न वैसा होगा मन ये कहावत आप सबने सुनी होगी. लेकिन मन से पहले बात तन की हो जाए. क्योंकि तन यानि शरीर को ही सबसे पहले खाने का परिणाम भुगतना पड़ता है. अगर तन बीमार है तो मन अपने आप आप अस्वस्थ हो जाता है और तन स्वस्थ है तो मन भी अच्छा ही रहेगा. स्वस्थ और फिट रहने के लिए पोषण युक्त खाना जरूरी है. आपके क्या खाते-पीते हैं इसका असर सीधे तौर से आपकी हेल्थ पर पड़ता है. खाना बनाने का तरीका क्या है, इसमें अगर कुछ बातों की अनदेखी की जाए तो हॉस्पिटल के चक्कर लगने शुरू हो जाते हैं. और कई बात तो नौबत डायबिटीज और कैंसर तक पहुँच जाती है. खाना बनाने का तरीका, खाने की गुणवत्ता, खाना खाने का समय और खाने की मात्रा हर बात का सबंध हमारे स्वास्थय से है. इसलिए इसमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें.
बर्तनों का चुनाव
खाना बनाने के लिए नॉन स्टिक बर्तनों का चुनाव करना अच्छा फैसला नहीं है. नॉन-स्टिक पैन में पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (पीटीएफई) की कोटिंग होती है, जिसे आमतौर पर टेफ्लॉन के नाम से जाना जाता है यह नॉन स्टिक बर्तन की पॉलिश हमारे शरीर के लिए अच्छी नहीं है. अगर बर्तन में खरोंच आती है तो खाना पकाते वक्त यह केमिकल पिघलकर हमारे खाने में मिल जाता है. जो कैंसर का एक बहुत बड़ा कारण बन सकता है. इसलिए अपने पारम्परिक बर्तनों में खाना बनाना सबसे अच्छा है.
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धीमी आंच पर पकाएं ये व्यंजन
मीट मांस और पनीर जैसी चीजों को तेज आंच पर फ्राई करने या पकाने से उनका पोषक तत्त्व ख़तम हो सकते है जिससे आपको शरीर को कोई फायदा नहीं मिलने वाला. तेज आंच पर खाना बनाने से एडवांस ग्लाइकेशन एंड-प्रोडक्ट्स बन सकते है. यह डायबिटीज और किडनी रोगों को बढ़ाता है. इसलिए जितना संभव हो धीमी आंच पर खाना पकाएं.
बाहर का खाना खाने से पहले जरा सोच लें
आपको घर के बाहर बहुत से ऐसी जगहें दिखेंगी जहाँ पनीर, मांस या चाप को ग्रिल पर लटकाकर आग में पकाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं ऊंचे तापमान और खुली आग में खाना बनाने से खाने में हानिकारक यौगिक पैदा हो सकते हैं. जिससे सबसे ज्यादा खतरा कैंसर का होता है.