UP: राम मंदिर ट्रस्ट पर अयोध्या के संतों में नाराजगी, कहा- जिन्होंने कुर्बानी दी उनका नामोनिशान नहीं
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UP: राम मंदिर ट्रस्ट पर अयोध्या के संतों में नाराजगी, कहा- जिन्होंने कुर्बानी दी उनका नामोनिशान नहीं

महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा, 'दिगंबर अखाड़ा ने राम मंदिर के लिए सारी लड़ाई लड़ी. हम लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के लिए पूरी जिंदगी लगा दी. ट्रस्ट में न दिगंबर अखाड़े का नाम है और न ही मेरा नाम है.'

फाइल फोटो.

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट का ऐलान कर दिया. इस ट्रस्ट में अयोध्या राजघराने के विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा समेत कुल 15 ट्रस्टी शामिल हैं. अब मोदी सरकार द्वारा गठित इस ट्रस्ट का विरोध शुरू हो गया है.

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का नाम ट्रस्ट में नहीं है. संतों ने इसका विरोध किया है. महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा, 'दिगंबर अखाड़ा ने राम मंदिर के लिए सारी लड़ाई लड़ी. हम लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के लिए पूरी जिंदगी लगा दी. ट्रस्ट में न दिगंबर अखाड़े का नाम है और न ही मेरा नाम है.'

ये अयोध्या वासियों का अपमान है.' वहीं दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास जी ने कहा, 'संतों-महंतों की बैठक बुलाई गई है. जिसमें ट्रस्ट को लेकर अगली रणनीति तय की जाएगी.' अयोध्या में नाराज संतो ने बीजेपी के अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अयोध्या महापौर ऋषिकेश उपाध्याय को मणिराम दास छावनी मंदिर में प्रवेश से रोक दिया.

मणिराम दास छावनी श्री राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का निवास स्थान है. महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने कहा, 'हम इस ट्रस्ट को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. इस ट्रस्ट में वैष्णव समाज के संतों का अपमान किया गया है. जो राम मंदिर आंदोलन के लिए लगे रहे और कुर्बानी दी उनको ट्रस्ट से दूर रखा गया है.

ट्रस्ट में अयोध्या राजपरिवार के विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा को शामिल किया है. वो राजनीतिक व्यक्ति हैं. बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े हैं. राम जन्मभूमि आंदोलन से इनका कोई वास्ता नहीं है. राम मंदिर आंदोलन के समय कानून बना था कि राम नंदी वैष्णव ही राम जन्मभूमि का अध्यक्ष होगा.'

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