अपने बकाया पैसों की खातिर धरने पर बैठे गन्ना किसान, ट्रैक्टर-ट्राली लगा सड़क कर दिया जाम
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अपने बकाया पैसों की खातिर धरने पर बैठे गन्ना किसान, ट्रैक्टर-ट्राली लगा सड़क कर दिया जाम

बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से शामली कलक्ट्रेट में चल रहा किसान यूनियन के धरने प्रदर्शन में किसानों ने प्रदेश सरकार की नमाज-ए-जनाजा अदा कर धर्म परिवर्तन करने की चेतावनी दी है

कलक्ट्रेट परिसर में पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है

नई दिल्ली: बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से शामली कलक्ट्रेट में चल रहा किसान यूनियन के धरने प्रदर्शन में किसानों ने प्रदेश सरकार की नमाज-ए-जनाजा अदा कर धर्म परिवर्तन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार किसानों का भुगतान नहीं करती तो वह आगामी 21 जनवरी को महापंचायत कर धर्म परिवर्तन की राह भी चुन सकते हैं.

पिछले करीब चार दिनों से किसान यूनियन के पदाधिकारियों का अध्यक्ष सवित मलिक के नेतृत्व में बकाया गन्ना भुगतान व आवारा पशुओं से किसान को निजात दिलाने के लिए कलक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन चल रहा है. गत शुक्रवार को किसानों ने प्रदेश सरकार के प्रति रोष व्यक्त करते हुए मुंडन कराया था, जबकि शुक्रवार को किसानों में भाजपा सरकार के खिलाफ इतना रोष बढ़ा कि उन्होंने प्रदेश सरकार तथा गन्ना मंत्री पर किसानों की सुध न लिये जाने का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार की नमाज-ए-जनाजा अदा की.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले चार दिनों में किसानों के बीच आकर कोई बातचीत करने का प्रयास नहीं किया, जबकि किसान खुले आसमान के नीचे बढ़ती सर्दी के रात-दिन आंदोलन पर बैठे हुए हैं. किसान कर्ज में डूब चुका है, लेकिन शुगर मिल मालिक भुगतान करने को तैयार नहीं हैं. कई बार प्रशासिक अधिकारियों तथा प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर भुगतान कराये जाने की मांग की गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आगामी 20 जनवरी तक किसानों का सम्पूर्ण भुगतान नहीं होता है तो वे 21 जनवरी को शामली कलक्ट्रेट में महापंचायत आयोजित कर धर्म परिवर्तन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष समीर त्यागी, जिलाध्यक्ष मुजफ्फरनगर इसरार अली, फाजिल, आशिक, नरेन्द्र मलिक लिसाढ, मनोज पंवार, जगबीर फौजी, शक्ति सिंह, देशराज सिंह, संजय सिंह, विरेन्द्र सिंह, राजकुमार शर्मा आदि मौजूद रहे.

आपको बता दें कि किसानों से वार्ता को पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की वार्ता विफल हो चुकी है. किसानों ने शहर के अग्रसेन पार्क स्थित चौराहे पर गन्ने की ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी कर जाम भी लगा दिया था. जाम लगाने से पूरी शहर की यातायात व्यवस्था पूर्ण रूप से बाधित रही. इसी दौरान किसान नेता देशपाल राणा की भी हालत बिगड़ने से उनको शामली के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 

गौरतलब है कि पिछले तीन-चार दिनों से शामली शुगर मिल में बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसानों ने शुगर मिल फैक्ट्री को बंद कराकर शुगर मिल परिसर में ही धरना प्रदर्शन किया हुआ है. शुगर मिल फैक्ट्री बंद होने से शुगर मिल को हो रहे लगातार नुकसान के चलते शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों एडीएम केबी सिंह तथा एसडीएम सदर प्रशांत भारती मिल के मुख्य समूह संचालक आरबी खोखर को लेकर किसानों के बीच पहुंचे और किसानों से वार्ता करने का प्रयास किया, लेकिन किसान भुगतान की मांग पर अड़े रहे. किसानों ने कहा कि शुगर मिल मालिक किसानों से वार्ता नहीं कर रहे. जबकि किसानों का शुगर मिल पर करीब 180 करोड़ रूपया बकाया है. किसान कर्ज में डूब चुका है और आत्मदाह करने को मजबूर है. जिसके चलते प्रशासनिक अधिकारियों की वार्ता विफल हो गई. किसानों ने हंगामा करते हुए आरबी खोखर को भी बंधक भी बना लिया था.  

इसके बाद शहर के अग्रसेन पार्क स्थिति तिराहे पर गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां लगाकर जाम लगा दिया. किसानों ने इतना ही नहीं बल्कि घरों के बाहर खड़ी गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्रालियों को भी शामली शुगर मिल से लेकर सुभाष चौक तक खड़ा कर दिया. जाम लगाए जाने से शहर की यातायात पूरी तरह से बाधित हो गई. जिससे वाहन चालकों तथा स्कूली बस संचालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. धरना प्रदर्शन के दौरान किसान नेता देशपाल राणा की अचानक हालत भी बिगड़ गई और वह जमीन पर गिरकर बेहोश हो गए. जिसके बाद किसानों ने उनको राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया. 

किसानों के धरने पर पहुंचे पूर्व विधायक पंकज मलिक ने कहा कि आज किसान को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है. किसान इतना मजबूर हो चुका है कि उसको अपने रुपयों के लिए बढ़ती सर्दी में खुले आसमान के नीचे रजाई ओढ़कर धरना देना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ हैं और किसानों को भी जिम्मेदारी के साथ अपने आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने की जरूरत है.

इस दौरान एडीएम केबी सिंह ने कहा कि वह किसानों को नकद के रूप में फिलहाल 7 करोड़ रूपये दे रहे हैं. किसानों की मांग पर शुगर मिल के समूह संचालक आरबी खोखर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करा दी गई है. उन्होंने कहा कि शुगर मिल किसानों का परिवार चलाने का काम करती है. लेकिन उसके बाद भी किसान नहीं माने और उन्होंने शाम 5 बजे के बाद मिल तथा प्रशासनिक अधिकारियों की धरने पर एंट्री बंद कर दी.

(इनपुट: ANI से)

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