SI सुमित आनंद ने 4 जून को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने की बात कहकर सरकारी जीप से फुटपाथ दुकानदारों की सब्जियों को कुचल दिया था. मामले में अफसरों ने सुमित आनंद को लाइन हाजिर किया, लेकिन बाद में सीएम योगी की ओर से मामले का संज्ञान लिए जाने के बाद दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में सरकारी जीप से फुटपाथ पर दुकानदारों की सब्जियों को कुचलने के मामले में सस्पेंड हुए दारोगा सुमित आनंद एक बार फिर सुर्खियों में हैं. सीएम योगी की सख्ती के बाद हुई कार्रवाई के बावजूद अफसरों की मेहरबानी की वजह से वो महज 3 महीने से भी कम वक्त में बहाल कर दिए गए. इतना ही नहीं उन्हें एक अहम चौकी का प्रभारी बना दिया गया. हैरत की बात ये है कि नियुक्ति गुपचुप तरीके से की गई, ट्रांसफर की लिस्ट तक सार्वजनिक नहीं की गई.
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सस्पेंड दारोगा को चौकी प्रभारी बनाने के लिए क्लर्क जिम्मेदार?
दागी दारोगा को चौकी इंचार्ज बनाए जाने की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुलिस की किरकिरी होने लगी. जिले में चर्चा है कि इस मामले में आईजी की नाराजगी के बाद जिले के पुलिस अफसरों को बैकफुट पर आना पड़ा और दागी दरोगा को चौकी से हटाकर लाइन हाजिर कर दिया गया. उधर, प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित ने दारोगा की नियुक्ति का ठीकरा एक क्लर्क पर फोड़ दिया. मामले में सफाई पेश करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दारोगा की पोस्टिंग एक क्लर्क की गलती से हुई है. उनके मुताबिक जिले में सब इंस्पेक्टर्स की कमी है. ऐसे में जो दारोगा पुलिस लाइन में अटैच हैं, उन्हें थाने व चौकियों पर पोस्ट किया जा रहा है. लेकिन सुमित आनंद के मामले में जैसे ही जानकारी लगी तो उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया.
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सीएम योगी की सख्ती के बाद सस्पेंड हुआ था दारोगा
प्रयागराज के घूरपुर थाने में तैनात रहे सब इंस्पेक्टर सुमित आनंद ने 4 जून को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने पर जीप से फुटपाथ दुकानदारों की सब्जियों को कुचल दिया था. पुलिस जीप से सब्जियों को कुचले जाने का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया था. मामले में अफसरों ने सुमित आनंद को लाइन हाजिर किया लेकिन बाद में सीएम योगी की ओर से मामले का संज्ञान लिए जाने के बाद दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही दुकानदारों को हुए नुकसान की भरपाई सुमित आनंद के वेतन से कराए जाने के आदेश दिए गए. तत्कालीन एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने भी उस वक्त मीडिया को दिए गए बयान में कहा था कि आरोपी दरोगा को जनपद में रहने का अधिकार नहीं है. उसका ट्रांसफर दूसरे जिले की किसी विंग में किए जाने की सिफारिश की गई है. बावजूद इसके सुमित आनंद को दो दिन पहले घूरपुर थाने से सटे नैनी थाने की अरैल चौकी का इंचार्ज बना दिया गया था.
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