राम मंदिर भूमि पूजन कराने के लिए बनारस हिंदू विश्वविदयालय के धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ. रामनारायण द्विवेदी, प्रोफेसर विनय पांडेय और प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय अयोध्या जा रहे हैं.
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वाराणसी: अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर की नींव में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का बेलपत्र और वास्तुपुरुष डाला जाएगा. इसके लिए चांदी का बेलपत्र और सोने से बना वास्तुपुरुष तैयार हो गया है. श्री काशी विद्वत परिषद के विद्वान इस चांदी के बेलपत्र और स्वर्ण वास्तुपुरुष को अपने साथ अयोध्या ले जाएंगे और राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान नींव में विसर्जित कर देंगे.
राम मंदिर भूमि पूजन कराने के लिए बनारस हिंदू विश्वविदयालय के धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ. रामनारायण द्विवेदी, प्रोफेसर विनय पांडेय और प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय अयोध्या जा रहे हैं. ये विद्वान राम मंदिर की नींव में विराजित होने के लिए वाराणसी से बेलपत्र और वास्तुपुरुष के अलावा सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, सवा पाव चंदन और पंचरत्न अपने साथ अयोध्या लेकर जाएंगे. ये सभी चीजें बनकर तैयार हो गई हैं.
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पहले इन सभी चीजों को बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाएगा. फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को प्रसाद के रूप में इन चीजों को राम मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे. प्रोफेसर डॉ. राम नारायण द्विवेदी ने इन चीजों का महत्व समझाया. उन्होंने कहा, ''धरती शेषनाग पर टिकी है. खुद भगवान भी शेषनाग की शैय्या पर विराजते हैं. इसलिए सोने के शेषनाग को नींव के अंदर स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा कच्छप लक्ष्मी जी की सवारी है. इससे वह स्थान हमेशा जागृत और दिव्यता प्राप्त करेगा.''
उन्होंने आगे बताया, ''स्वर्ण वास्तु देवता एक वास्तु पुरुष हैं. इसलिए किसी भी नींव पूजन में इनके होने से सभी वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं. वहीं बेलपत्र और चंदन भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय हैं. इसके अलावा पंचरत्न और पंच औषधियों का भी नींव पूजन में बहुत महत्व है.''
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