भव्य राम मंदिर के साथ अयोध्या के 37 अन्य मंदिरों के बहुरेंगे दिन, पर्यटन विभाग करेगा सुंदरीकरण
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भव्य राम मंदिर के साथ अयोध्या के 37 अन्य मंदिरों के बहुरेंगे दिन, पर्यटन विभाग करेगा सुंदरीकरण

सुंदरीकरण के लिए प्रस्तावित मंदिरों की सूची में नागेश्वरनाथ, छोटी देवकाली, कालेराम मंदिर, रत्न सि‍ंहासन, रामकचहरी, लक्ष्मणकिला, करतलिया भजनाश्रम आदि प्रमुख हैं. 

सांकेतिक तस्वीर.

अयोध्या: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल ही रहा है, उसके साथ रामनगरी के अन्य मंदिरों के भी दिन भी बहुरेंगे. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने अपने सर्वे में धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व के 37 मंदिरों को सूचीबद्ध किया है, जिनका सुंदरीकरण किया जाएगा. ये मंदिर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को रामनगरी की भव्यता का एहसास कराएंगे.

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सुंदरीकरण के लिए प्रस्तावित मंदिरों की सूची में नागेश्वरनाथ, छोटी देवकाली, कालेराम मंदिर, रत्न सि‍ंहासन, रामकचहरी, लक्ष्मणकिला, करतलिया भजनाश्रम आदि प्रमुख हैं. दो हजार वर्ष पूर्व राजा विक्रमादित्य ने भव्य नागेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण कराया था. इसकी गणना भगवान शंकर की पौराणिक पीठों में होती है. कालांतर में मंदिर का मंडप तो बचाए रखा गया, कि‍ंतु अन्य हिस्सा ध्वस्त हो गया. कामचलाऊ निर्माण के भरोसे उसकी पहचान बनाए रखने की कोशिश होती रही.

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छोटी देवकाली मंदिर को भी त्रेतायुगीन माना जाता है लेकिन निर्माण के नाम पर यहां मां का छोटा सा गर्भगृह एवं उसके सम्मुख मंझोला सा मंडप है. कालेराम मंदिर भी आस्था का केंद्र माना जाता है. इस मंदिर का वास्तु साधारण है. संकरी गलियों से घिरे कालेराम मंदिर को दर्शनीय बनाना पर्यटन विभाग के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होगा. इसी तरह लक्ष्मणकिला एवं करतलिया भजनाश्रम जैसे मंदिरों को सरयू तट के प्रतिनिधि मंदिरों में माना जाता है.

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अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय एवं विधायक वेदप्रकाश गुप्ता के मुताबिक दिव्य रामनगरी के निर्माण के प्रयासों के तहत आगामी दिनों में जिन योजनाओं पर अमल होना है, उनमें यहां के प्रमुख और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों का सुंदरीकरण भी शामिल है. पर्यटन विभाग ने मंदिरों की सूची तैयार कर ली है और जल्द ही उनके रख-रखाव व सुंदरीकरण का कार्य प्रारंभ होगा. आपको बता दें कि श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पहले ही घोषित कर चुका है कि दिसंबर 2023 तक राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण पूरा हो जाएगा और इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.

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