Arun Govil Ayodhya Visit: रामानंद सागर के लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल शनिवार को राम नगरी अयोध्या पहुंचे. उन्होंने रामलला का दर्शन -पूजन किया.
Trending Photos
Ayodhya News: देश की सबसे प्रसिद्ध रामानंद सागर की रामायण (Ramayana) में राम (Ram) की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) अब अयोध्या (Ayodhya News) में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के संघर्षों की घटनाओं पर आधारित फिल्म में अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं. इस फिल्म का नाम 695 है. जो अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 की घटना के बाद 9 नवंबर 2019 में राम मंदिर के पक्ष में आए फैसले और 5 अगस्त 2020 राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई पहली आधारशिला पर आधारित है. इसी फिल्म में शामिल होने के लिए वह अयोध्या पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने राम जन्मभूमि में रामलला का दर्शन कर मंदिर निर्माण का भी अवलोकन किया.
रामायण के हर प्रसंग से मिलती है प्रेरणा
अरुण गोविल ने कहा कि यह उनकी बहुत पुरानी इच्छा थी कि रामलला के दर्शन करें. उस स्थान के दर्शन करें जिस स्थान से हमारी संस्कृति जुड़ी हुई है, जो पूरी हुई है. वहीं, रामायण में कौन सा प्रसंग सबसे ज्यादा प्रेरित करता है. इस सवाल पर अरुण गोविल ने कहा कि रामायण के हर प्रसंग से प्रेरणा मिलती है. हम जितनी बार पढ़ते हैं, उतनी बार अलग-अलग प्रेरणा मिलती है. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समाज-समाज होता है. उसमें ना कोई दलित होता है ना कोई आदिवासी. समाज में सब एक हैं. प्रभु राम का भी यही संदेश है. जिस तरह से भगवान राम ने शबरी को सम्मान दिया. उनके चखे हुए जूठे बेर खाए, उसका यही संदेश है कि सब सम्मान के हकदार होते हैं.
वहीं, राम मंदिर निर्माण को लेकर अरुण ने कहा कि मंदिर बनने में कई लोगों का योगदान, बलिदान और 500 साल की जद्दोजहद है. लेकिन इसे लीड करने वाले पीएम मोदी ने यह कार्य जिस प्रकार अपने हाथों में लिया है उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं. उन्होंने उनके जैसा लीडर अभी तक हमें देखने को नहीं मिला है. अरुण गोविल ने बताया कि मैं एक फिल्म करने के लिए अयोध्या आया हूं, जिसका टाइटल 695 है. इसमें तीनों फिगर अयोध्या के इतिहास के लिए और राम मंदिर के लिए बहुत अहम है. राम मंदिर की भूमिका हमारे जीवन में बहुत खास है. इस फिल्म में एक संन्यासी के पात्र में हूं. जिसकी दिली इच्छा यही है कि राम मंदिर बने और वह रामलला का दर्शन कर सके. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के फैसले में रामायण का अहम योगदान रहा है.
यह भी पढ़ें- Sita Navami 2023: कब है सीता नवमी, जानें जानकी जयंती की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Watch: रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचे रामानंद सागर की रामायण के 'राम'