भाई को मरा समझ छोटे भाई ने भर दिया था फ्रीजर में, रिश्तेदारों ने खुलवाया तो जिंदा निकला
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भाई को मरा समझ छोटे भाई ने भर दिया था फ्रीजर में, रिश्तेदारों ने खुलवाया तो जिंदा निकला

शहर के सलेम में एक चमत्कार हुआ है. यहां एक बुजुर्ग को मृत समझ परिजनों ने उन्हें 20 घंटे तक फ्रीजर में डालकर रखा, लेकिन 20 घंटे बाद बॉक्स खोला गया है, लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं. बुजुर्ग 20 घंटे बाद भी जिंदा मिले.

भाई को मरा समझ छोटे भाई ने भर दिया था फ्रीजर में, रिश्तेदारों ने खुलवाया तो जिंदा निकला

चेन्नई: शहर के सलेम में एक चमत्कार हुआ है. यहां एक बुजुर्ग को मृत समझ परिजनों ने उन्हें 20 घंटे तक फ्रीजर में डालकर रखा, लेकिन 20 घंटे बाद बॉक्स खोला गया है, लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं. बुजुर्ग 20 घंटे बाद भी जिंदा मिले. आखिर मामला क्या है, आइए आपको विस्तार से बताते हैं.

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2 माह से बीमार चल रहे हैं बुजुर्ग बालसुब्रमण्य
यहां एक बुजुर्ग काफी समय से बीमार चल रहे थे. 2 माह से बिस्तर पर थे. स्थिति गंभीर होने के बाद परिजनों ने उन्हें एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया था. लेकिन उनकी हालात में सुधार नहीं हो रहा था. तो उन्हें घर ले आया गया. 
पुलिस के मुताबिक बुजुर्ग का नाम बालसुब्रमण्य कुमार है. वह चेन्नई के पास सलेम शहर में कंदमपट्टी के पास एक ओल्ड हाउसिंग बोर्ड सोसायटी में रहते हैं. उनके साथ उनका छोटा भाई सरवनन और बहन की बेटी गीता भी रहती हैं. यही दो लोग बुजुर्ग बालसुब्रमण्य की देखभाल करते थे. पिछले सप्ताह बुजुर्ग की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई थी, जिसके उन्हें कोयंबटूर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 

मृत समझ भर दिया था बक्से में
सोमवार को सरवनन उन्हें घर ले आया. बुजुर्ग के शरीर में हलचल नहीं हो रही थी. जिस पर सरवनन और गीता ने बालसुब्रमण्य को मृत समझ लिया. शव को रखने के लिए किराए का फ्रीजर भी ले आया गया. फ्रीजर में बुजुर्ग को मृत समझ उनके शव को रख दिया गया. 

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रिश्तेदारों ने बॉक्स खोला तो जिंदा मिले
भाई की मौत की खबर रिश्तेदारों की दी गई. मंगलवार को 20 घंटे बाद जब रिश्तेदार आए और बुजुर्ग के अंतिम दर्शन के लिए बॉक्स खुलवाया तो बुजुर्ग की सांसें चलती मिलीं, उनकी आंखें खुली थीं. जिससे बाद बुजुर्ग को तुरंत पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर कह रहे हैं कि बुजुर्ग की हालत बेहद नाजुक है. हालांकि इससे पहले बॉक्स में थोड़ी बहुत हलचल हुई थी, जिस पर सरवनन ने बताया कि बड़े भाई बालसुब्रमण्य की आत्मा शरीर छोड़ना चाह रही थी, इसलिए उसने बॉक्स नहीं खोला. 

क्या कहना है पुलिस का
वहीं सलेमपुर पुलिस का कहना है कि कि सरवनन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. बड़े भाई को गंभीर हालत में ही उसने मृत समझ बॉक्स में भर दिया था. रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर रहे हैं. अभी सरवनन को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है. 

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