Uttarakhand News: उत्तराखंड में भाजपा नेता और नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम की बेटी की शादी इस समय सुर्खियों में छाई हुई है. बीजेपी नेता यशपाल बेनाम के खिलाफ हिंदू संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन विरोधों के फलस्वरुप इस शादी को स्थगित कर दिया गया है. zee news up/uk से बात करते हुए यशपाल बेनाम ने बताया कि...
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Kamal Kishor Pimoli/ Pauri: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में बीजेपी और वर्तमान पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम की बेटी मोनिका की शादी अमेठी के मुस्लिम युवक मोहम्मद मोनिस से होनी थी. यह प्रेम विवाह था. दोनों काफी समय से एक दूसरे को प्रेम करते हैं. इन दोनों के शादी का कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. पूरे देश में इस कार्ड की चर्चा है. पौड़ी जिले की हिंदू लड़की की यूपी के एक मुस्लिम युवक से शादी के इस कार्ड को लेकर बीजेपी नेता को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है.
पिछले दिनों से सोशल मीडिया में वायरल हो रहे शादी के कार्ड पर राजनीति गर्माने के उपरांत नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम ने पौड़ी में आयोजित होने वाली शादी समारोह को स्थगित करने की बात कही है. यशपाल बेनाम ने कहा कि जिस तरह से शादी का कार्ड वायरल होने के बाद प्रदेश व देश के बाहर से लोगों द्वारा इस शादी पर अपनी अपनी बात रखी जा रही थी. उसको व जन भावनाओं को समझने के उपरांत उन्होंने इस शादी समारोह को स्थगित करने का निर्णय लिया है.
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उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है कि उनकी बेटी ने अन्य धर्म समुदाय के युवक के साथ विवाह रचा है और वे अपनी बेटी की भावनाओं को देखते हुए इस समारोह को पौड़ी में करने जा रहे थे मगर जिस तरह से धार्मिक संगठनों द्वारा इस समारोह का विरोध करने का फैसला लिया गया तो उन्होंने जन भावनाओं की कद्र करते हुए इस समारोह को स्थगित करने का निर्णय लिया है. बेनाम ने कहा कि शादी करने का निर्णय उनकी बेटी ने परिवार की सहमति के बाद लिया था जिस के समर्थन में वे आज भी है और भविष्य में भी रहेंगे.
फिलहाल इतना तय है कि पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में दस्तक दे रहा वायरल कार्ड की राजनीति फिलहाल कुछ समय के लिए थम गई है. अगर नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम द्वारा इस समारोह को स्थगित नहीं किया जाता तो कयास लगाए जा रहे थे कि इसके विरोध में धार्मिक संगठन एक होकर उनके खिलाफ जमकर मुखर हो सकते थे. मगर समारोह स्थगित होने से सभी कयास ठंडे बस्ते में चले गए हैं.
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