दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के कार्य ने पकड़ी रफ्तार, 800 पिलर तैयार, 2023 में शुरू हो जाएगा 17KM हिस्सा
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दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के कार्य ने पकड़ी रफ्तार, 800 पिलर तैयार, 2023 में शुरू हो जाएगा 17KM हिस्सा

दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ के शहरी केंद्रों को जोड़ने के लिए इस 82 किलोमीटर लंबे रूप पर देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का निर्माण कार्य हो रहा है. इसे दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल (Delhi-Meerut Rapid Rail) के नाम से जाना जाएगा.

सांकेतिक तस्वीर.

नोएडा: दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ के शहरी केंद्रों को जोड़ने के लिए इस 82 किलोमीटर लंबे रूप पर देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का निर्माण कार्य हो रहा है. इसे दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल (Delhi-Meerut Rapid Rail) के नाम से जाना जाएगा. इस आरआरटीएस का 70 किलोमीटर ट्रैक एलिवेटेड और 12 किलोमीटर ट्रैक अंडरग्राउंड होगा. इसके एलिवेटेड सेक्शन के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से (24 किलोमीटर) के पिलर तैयार कर लिए गए हैं.

आनंद विहार में टनल बनाने का कार्य प्रारंभ
अंडरग्राउंड ट्रैक का 4 किलोमीटर दिल्ली में और 8 किलोमीटर मेरठ व गाजियाबाद में है. दिल्ली के आनंद विहार में टनल बोरिंग मशीन से टनल बनाने का कार्य प्रारंभ हो गया है. सुरंग बनाने के लिए लॉन्चिंग शाफ्ट तैयार किया जा रहा है. इसके बनने के बाद टनल बोरिंग मशीन सुरंग बनाने का कार्य शुरू करेगी.

जबकि मेरठ में भैंसाली अंडरग्राउंड स्टेशन के पास कार्य प्रारंभ हो चुका है. इस अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए डी वाल का निर्माण चल रहा है. इसके अंतर्गत कुल 121 फेंसिंग पैनल का केज भूमि के अंदर डालकर सीमेंट-कंक्रीट से जाम किया जा रहा है.

अब तक 800 से ज्यादा पिलर तैयार हो गए हैं
एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) ने एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण कार्य के तहत अब तक 800 से ज्यादा पिलर तैयार कर लिए हैं. इसके साथ ही आठ किलोमीटर का आरआरटीएस वायाडक्ट तैयार हो चुका है. वायाडक्ट का ज्यादातर काम साहिबाबाद से दुहाई के बीच हुआ है.

इस वीडियो में देखें दिल्ली-मेरठ RRTS का कितना काम हुआ है

इस पर ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है. साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी में आरआरटीएस स्टेशन के डिजाइन व आर्किटेक्चर का कार्य फाइनल होने के साथ निर्माण भी शुरू है. साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का यह हिस्सा इस प्रोजेक्ट का प्रायोरिटी सेक्शन है, जिसे 2023 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है.

मेरठ से 45 मिनट में दिल्ली पहुंचा जा सकेगा
वहीं, दुहाई डिपो में ट्रेनों के परिचालन व रख-रखाव के लिए स्टेबलिंग व इंस्पेक्शन लाइन, और कंट्रोल सेंटर तैयार किया जा रहा है. दुहाई डिपो में आरआरटीएस ट्रेन के स्टेबलिंग लाइन के लिए ओएचई का कार्य भी शुरू हो गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट को 2025 के आखिरी तक जनता को समर्पित करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है.

इस आरआरटीएस के बन जाने से मेरठ और गाजियाबाद से रोजाना दिल्ली आने वालों के लिए यात्रा काफी सरल हो जाएगी. मेरठ से 45 मिनट में दिल्ली पहुंचा जा सकेगा. रैपिड रेल की न्यूनतम स्पीड 100 किमी और अधिकतम 180 किमी प्रतिघंटा होगी. सबसे खास बात यह कि इस ट्रेन के ​परिचालन में मौसम बाधा नहीं बन सकेगा. यानी कुहरा, बारिश, तेज हवा का असर नहीं होगा.

इस वीडियो में देखें कैसा होगा दिल्ली-मेरठ RRTS

दो और आरआरटीएस कॉरिडोर हैं प्रस्तावित
शनिवार को रैपिड रेल कारिडोर के कार्यों का आवास एवं शहरी मंत्रलय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र स्थलीय परीक्षण किया. उनके साथ एनसीआरटीसी के उच्च अधिकारी भी थे. उन्होंने लगभग पांच घंटे दिल्ली से मेरठ तक आरआरटीएस प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया.

आपको बता दें किदिल्ली से अलवर के बीच 198 किलोमीटर लंबा और दिल्ली से पानीपत के बीच 103 किलोमीटर लंबा  इसी तरह के दो आरआरटीएस कॉरिडोर और प्रस्तावित हैं. दिल्ली-अलवर रूट पर भी रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ेगा. इसकी आखिरी अड़चन भी दूर हो गई है. अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क में बनने वाले इसके भूमिगत हिस्से के लिए दिल्ली वन विभाग के रिज प्रबंधन बोर्ड ने अपनी स्वीकृति दे दी है.

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