जानते हैं किस भाषा में बात करता था लंका का राजा रावण? हिंदी बोलता था, तमिल या संस्कृत?
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जानते हैं किस भाषा में बात करता था लंका का राजा रावण? हिंदी बोलता था, तमिल या संस्कृत?

रावण चारों वेदों का ज्ञानी था और वेद तो संस्कृत में ही लिखे गए हैं. इसलिए रावण भी संस्कृत में निपुण रहा होगा. लेकिन...

जानते हैं किस भाषा में बात करता था लंका का राजा रावण? हिंदी बोलता था, तमिल या संस्कृत?

नई दिल्ली: बचपन से आज तक हमने कई बार अलग-अलग रूप में रामायण देखी है. कभी रामानंद सागर की रामायण, कभी बच्चों के लिए कार्टून के तौर पर तो कभी फिल्मों के जरिए. अब तो रामायण पर आधारित कई वेब सीरीज़ भी बनी हैं. इन सभी में हमने देखा कि हर किरदार हिंदी में ही बात करता है, चाहे वह श्रीराम का किरदार हो या लंकेश का. इतनी दफा रामायण देखने के बाद हम यह तो समझ गए कि श्रीराम सरल स्वभाव के और ठंडे दिमाग के थे और रावण एक ऐसा राजा था जो क्रूर था, जोर-जोर से हंसता था और भारी आवाज में बात करता था. लेकिन क्या आपको लगता है कि असल में भी रावण हिंदी में ही बात करता था?

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यह सवाल बहुत लोगों के दिमाग में चलता है कि रावण किस भाषा में बात करता है? सवाल इसलिए भी जायज है क्योंकि हम मान सकते हैं कि श्रीराम संस्कृत में वार्तालाप करते होंगे, लेकिन रावण तो लंका का रहने वाला था, जहां हिंदी या संस्कृत नहीं बोली जाती. और मान लीजिए दोनों की भाषा अलग रही हो तो राम और रावण ने एक दूसरे से बात कैसे की होगी?

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कुछ लोगों का मानना है संस्कृत में बात करता था रावण
कई लोग कहते हैं कि राम और रावण दोनों ही संस्कृत में बात करते थे. मान्यता है कि उस वक्त कोई और भाषा थी ही नहीं, केवल संस्कृत का ही चलन था. 
संस्कृत में हैं वेद: ऊपर से रावण चारों वेदों का ज्ञानी था और वेद तो संस्कृत में ही लिखे गए हैं. इसलिए रावण भी संस्कृत में निपुण रहा होगा. 
ब्राह्मण था रावण: इसके अलावा, एक यह बात भी सामने आती है कि रावण ब्राह्मण था और इस नाते से संस्कृत जरूर जानता होगा. 
शिव तांडव स्तोत्र: यह भी कहा जाता है कि क्योंकि वह रावण ही था जिसने शिव तांडव स्तोत्र लिखा था और यह स्तोत्र संस्कृत में है. इसलिए जाहिर है कि रावण संस्कृत में ही बात करता था.

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कुछ लोगों का मानना है रावण की भाषा थी तमिल
वहीं, कई लोग यह भी कहते हैं कि रावण सिर्फ तमिल में बात करता था, क्योंकि-
तमिल में है शिव तांडव स्तोत्र: शिव तांडव स्तोत्र तमिल में भी है और मान्यता यह है कि यह स्तोत्र पहले तमिल में ही लिखा गया था.
मातृभाषा थी तमिल: इसके अलावा, लोग यह भी कहते हैं कि क्योंकि रावण लंका का रहने वाला था, इसलिए उसकी मातृ भाषा तमिल रही होगी. 
रावण के क्षेत्र में बोली जाती है तमिल: एक तर्क यह भी दिया जाता है कि रावण जिस क्षेत्र में शासन करता था, वहां आज भी तमिल बोली जाती है और इस भाषा का इतिहास रामायण से पहले का बताया जाता है. 

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नहीं कह सकते संस्कृत पुरानी है या तमिल
एक तर्क दिया जाता है कि संस्कृत सबसे पुरानी भाषा है क्योंकि यह सनातन काल से चली आ रही है. हालांकि, इसे कंफर्म करना मुश्किल है, क्योंकि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा के का दर्जा तमिल के पास है. इसलिए माना जाता है कि रामायण काल में तमिल रही होगी और रावण तमिल में ही बात करता होगा.

बिना भाषा भावनाओं से बात करते थे श्रीराम और रावण?
एक यह बात भी रखी जाती है कि भगवान राम इंसानों के साथ-साथ जानवरों से भी बात किया करते थे. अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि जानवर उनसे संस्कृत में बात करते हों. ऐसे में माना जाता है कि उस समय लोग एक दूसरे की भावनाएं भी समझ जाते थे और भाषा की जरूरत नहीं होती थी. हालांकि, इस बात में कितना तथ्य है यह बताना मुश्किल है क्योंकि इसका प्रमाण नहीं मिल सका है.

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