Tom Alter के हाथ में कुछ हो न हो, हमेशा रहती थी किताब, इसी से जुड़ी है उनकी आखिरी शॉर्ट फिल्म की कहानी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand925764

Tom Alter के हाथ में कुछ हो न हो, हमेशा रहती थी किताब, इसी से जुड़ी है उनकी आखिरी शॉर्ट फिल्म की कहानी

टॉम को सबसे पहले देव आनंद की फिल्म साहब बहादुर के लिए चुना गया. लेकिन उनकी पहली फिल्म जो रिलीज हुई, वह थी रामानंद सागर की चरस. इस फिल्म के मेन लीड थे धर्मेंद्र और हेमा मालिनी.

Tom Alter के हाथ में कुछ हो न हो, हमेशा रहती थी किताब, इसी से जुड़ी है उनकी आखिरी शॉर्ट फिल्म की कहानी

लखनऊ: बॉलीवुड में अपनी जगह बनाकर करोड़ों लोगों का दिल जीतने वाले  थॉमस बीच ऑल्टर (Tom Alter) का आज जन्मदिन है. टॉम ऑल्टर का जन्म 1950 में आज के ही दिन उत्तराखंड के मसूरी में हुआ था. जन्म और दिल दोनों से भारतीय टॉम ऑल्टर ने कई फिल्मों और सीरियल्स में अंग्रेज की भूमिका निभाई. हालांकि, हर भारतीय की तरह उन्होंने भी बचपन से हिंदी के साथ बाकी सबजेक्ट्स की शिक्षा ग्रहण की. आज उनका 71 जन्मदिवस है. इस मौके पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ा एक ऐसा किस्सा जो शायद कम ही लोगों को पता हो.

फांसी के तख्त पर आखिरी सांस तक बिस्मिल ने गाया था 'सरफरोशी की तमन्ना,' जानें कैसे आईं ये अमर लाइनें

दादा-दादी पाकिस्तान चले गए
जानकारी के मुताबिक, टॉम ऑल्टर एक अंग्रेज परिवार में जन्मे थे. जब हिंदुस्तान-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो उनके दादा-दादी ने फैसला किया कि वे पाकिस्तान में रहेंगे. लेकिन ऑल्टर के माता-पिता भारत में रहना चाहते थे. ऐसे में उन्होंने उत्तराखंड के मसूरी को चुना.

राजेश खन्ना की फिल्म ने एक्टिंग में जगाया इंटरेस्ट
बताया जाता है कि टॉम ऑल्टर को शुरुआत में एक्टिंग का जोश नहीं था. लेकिन जब उन्होंने राजेश खन्ना की फिल्म आराधना देखी, तो उन्हें एक्टिंग की धुन सवार हो गई. इसके बाद टॉम ने देश के सबसे बड़े एक्टिंग इंस्टीट्यूट FTII (Film and Technology Institute of India) एडमिशन लेने की ठान ली. काफी लगन और मेहनत के बाद उन्हें एडमिश भी मिल गया. और एक दिग्गज एक्टर के सफर की शुरुआत हो गई. 

मशहूर सिंगर Jubin Nautiyal से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से जो उनके फैंस को आएंगे बेहद पसंद

बताया जाता है कि वहां उनके टीचर रोशन तनेजा थे. इसी के साथ शबाना आजमी उनकी सीनियर थीं और नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी उनके जूनियर.

किताबों को दिल से लगाकर घूमते थे टॉम
दरअसल, टॉम ऑल्टर को किताबों से बहुत प्रेम था. वह अपने साथ फोन नहीं रखते थे, लेकिन कोई न कोई किताब उनके हाथ में जरूर रहती थी. वे बुक्स के इतने शौकीन थे कि उनकी आखिरी शॉर्ट फिल्म का नाम भी 'किताब' ही था, जिसमें उन्होंने लाइब्रेरियन का रोल निभाया था.

8 किस्से: महिलाएं कॉन्सर्ट छोड़कर जाने लगीं तो Hemant Kumar ने गुनगुनाया ये गीत और थम गए सबके पैर

टॉम ऑल्टर ने किया 300 फिल्मों और सीरियल्स में काम
बता दें, टॉम को सबसे पहले देव आनंद की फिल्म साहब बहादुर के लिए चुना गया. लेकिन उनकी पहली फिल्म जो रिलीज हुई, वह थी रामानंद सागर की चरस. इस फिल्म के मेन लीड थे धर्मेंद्र और हेमा मालिनी. इसके अलावा भी टॉम ने कई फिल्मों में काम कर उसमें जान डाली. इनमें परवरिश, जुनून, क्रांति, कुदरत, बृज भूमि, राम भरोसे, नौकरी, देस परदेस, गांधी, विधाता, राम तेरी गंगा मैली, शर्त, अम्मा, अविनाश, कमांडो, सोने पर सुहागा, वर्दी और वीर जारा समेत करीब 300 फिल्में और सीरियल शामिल हैं. 

2008 में मिला था पद्मश्री
टॉम ऑल्टर को साल 2008 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. लेकिन स्किन कैंसर की वजह से 29 सितंबर 2017 को उन्होंने हमें और दुनिया को अलविदा कह दिया.

WATCH LIVE TV

Trending news