मुंह में जाते ही घुल जाती है मेरठ की नान खटाई, इस इंडियन बिस्किट के क्या कहने, जानें कैसे होती है तैयार?
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मुंह में जाते ही घुल जाती है मेरठ की नान खटाई, इस इंडियन बिस्किट के क्या कहने, जानें कैसे होती है तैयार?

यह एक पारंपरिक भारतीय बिस्कुट है जिसे बिना अंडे के तैयार ​किया जाता है. मतलब ये बिलकुल शाकाहारी है. बचपन में जब कभी भी आप अपनी दादी या नानी के साथ बाजार गए होगे तो इन गरमागरम नानखटाई का स्वाद आपने जरूर चखा होगा. मेरठ में बनने वाली नान खटाई का स्वाद बहुत अलग है.

मुंह में जाते ही घुल जाती है मेरठ की नान खटाई, इस इंडियन बिस्किट के क्या कहने, जानें कैसे होती है तैयार?

Nan khatai of Meerut: कुछ इंडियन स्नैक्स ऐसे हैं जिनका एक अपना ही अलग टेस्ट होता है और उन्हीं में से एक है भारतीय नानखटाई. यह एक पारंपरिक भारतीय बिस्कुट है जिसे बिना अंडे के तैयार ​किया जाता है. मतलब ये बिलकुल शाकाहारी है. नान खटाई का नाम सुनकर कुछ लोगों को अपना बचपन याद आ जाएगा. बचपन में जब कभी भी आप अपनी दादी या नानी के साथ बाजार गए होगे तो इन गरमागरम नानखटाई का स्वाद आपने जरूर चखा होगा. आज भी कई जगहों पर ठेले पर नानखटाई वाले को जाते हुए देखा होगा.  

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ये रेसिपी वेजिटेरियन लोगों के लिए खासकर बनाई जाती है. यह मशहूर इंडियन डेजर्ट स्नैक रेसिपी है, जो आमतौर पर एक कप चाय या कॉफ़ी के साथ परोसी जाती है. गरमागरम नानखटाई खाने में बहुत ही स्वाद लगती है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही मेरठ की मशहूर नान खटाई की खुशबू शहर के हलवाइयों की दुकानों में महकने लगती है. 

नान खटाई है इंडियन बिस्किट
नान खटाई को इंडियन बिस्किट भी कहा जा सकता है जो पूरी तरह से शाकाहारी है. इसमें अंडे का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब पसंद करते हैं. ये आसानी से मिल जाता है. लेकिन मेरठ में बनने वाली नान खटाई का स्वाद बहुत अलग है.

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मुंह में रखते ही घुल जाती है नान खटाई
मेरठ की मशहूर नान खटाई देश भर में प्रसिद्ध है. नान खटाई की खासियत है कि इसे मुंह में रखते ही ये घुल जाती है. नान खटाई को बड़ी ही बारीकी के साथ तैयार किया जाता है. जरा सी भी चूक से इसका मजा और स्वाद दोनों ही बिगड़ जाता है.

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 ऐसे बनाई जाती है नान खटाई
नान खटाई को बनाने में मूंग दाल, ड्राई फ्रूट, बेसन का मिश्रण लिया जाता है. सबसे पहले मूंग की दाल और ड्राई फ्रूट को पिसकर उसको बेसन में मिलाया जाता है. पूरी तरह से जब उसको मिक्स कर दिया जाता है तो उसको धीमी आंच पर पकाते है. जरा सी भी तेज आग या समय से ज्यादा तक बेक करने पर इसका स्वाद बिगड़ जाता है. मेरठ के लोग नाश्ते में भी नान खटाई को खाना पसंद करते हैं.

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गर्मी के साथ बढ़ता है नान खटाई का स्वाद
जिस सर्दी के मौसम में गजक रेवड़ी की डिमांड रहती है उसी तरह गर्मी में नान खटाई का स्वाद चखने के लिए लोग बेताब रहते हैं. मेरठ की नान खटाई की डिमांड देश के हर कोने में है. बाहर से आने वाले लोग अपने साथ यहां की नान खटाई का डिब्बा जरूर लेकर जाते हैं. इसका स्वाद बच्चों और बड़ों सभी को भाता है. नान खटाई का अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होकर जुलाई तक चलता है.

नान खटाई की कीमत
मेरठ में नान खटाई की कीमत 150 रुपए से 350 रुपये किलो तक है. देशी घी से तैयार नान खटाई महंगी होती है. बाजार में काजू नान खटाई, काजू बादाम नान खटाई, मूंग बादाम नान खटाई आदि वैरायटी बाजार में मौजूद है. कस्बों के हिसाब से भी अलग-अलग कीमतें हैं, दुकानों पर मिलने वाली नान खटाई महंगी होती है.

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इसके इतिहास के बारे में बात करें तो इस संदर्भ में अलग-अलग कहानियां सुनने को मिलती है. कोई बताता है कि ये एशिया का बिस्किट है तो कई जगह वर्णन मिलता है कि ये गुजरात के सूरत में पहली बार बनाया गया था.

बेसन के नानखटाई का इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि यह भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के सूरत में यह रेसिपी पहली बार बनाई गई थी. शुरुआत में इसे डच लोगों को सूखे ब्रेड के तौर पर बेचा गया जोकि बाद में बाकी लोगों को भी काफी पसंद आया था. पारंपरिक रेसिपी को अंडे की जर्दी को मैदा में मिलाकर उसके ऊपर अपनी पसंद के सूखे मेवे से टॉपिंग करके बनाया गया था. हालांकि इसे कई तरीकों से बनाया जा सकता है और इन्हीं में से एक है, एगलेस नानखटाई कुकीज़ रेसिपी. इसमें अंडे की जर्दी की जगह बेकिंग पाउडर डाला जाता है, जिससे इसमें समान टेक्सचर और कुरकुरापन आ सके. 

ये भी है एक कहानी
नानखटाई एशिया के इस भाग (ईरान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत) का बिस्किट है. विकिपेडिया के अनुसार नान फारसी शब्द है रोटी के लिये और खटाई अफ़गानी शब्द है बिस्कुट के लिए है. ऐसा माना जाता है कि ये वहीं से यह बिस्किट आया है.

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