उत्तर प्रदेश की पहली आयुष यूनिवर्सिटी गोरखपुर में बनने जा रही है जिसकी नींव 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रखेंगे. वहीं गोरक्षनाथ पीठ की तरफ से स्थापित गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय जनता को समर्पित किया जाएगा.
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गोरखपुर: पूर्वांचल के प्रमुख शहरों में शामिल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहनगर गोरखपुर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है. यह शहर चिकित्सा-शिक्षा का हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाद गोरखपुर को आयुष विश्वविद्यालय की सौगात मिलने जा रही है. यह उत्तर प्रदेश की पहली आयुष यूनिवर्सिटी होगी जिसकी नींव 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रखेंगे.
इन दोनों के बाद गोरखपुर में चार विश्वविद्यालय हो जाएंगे
वहीं गोरक्षनाथ पीठ की तरफ से स्थापित गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय जनता को समर्पित किया जाएगा. सीएम योगी के विशेष अनुरोध पर इन दोनों विश्वविद्यालयों का क्रमश: शिलान्यास और लोकार्पण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. दोनों ही विश्वविद्यालय विश्व विख्यात नाथपंथ के अधिष्ठाता महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम से जाने जाएंगे. इसके साथ गोरखपुर में 4 विश्वविद्यालय हो जाएंगे. दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पहले से संचालित हैं.
गोरखपुर में एम्स और मेडिकल कॉलेज पहले से संचालित हैं
गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय के जरिए प्राचीन और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर शोध कार्य होंगे, इनका और विकास संभव होगा. वहीं लोकार्पण के लिए तैयार महायोगी गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के विभिन्न आयामों के साथ ही चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान का बड़ा केंद्र बनेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोरखपुर से सांसद रहने के दौरान योगी आदित्यनाथ के ही प्रयासों से ही एम्स की स्थापना हुई थी, जो बनकर तैयार है. पूर्वांचल में चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में ये सभी संस्थान मील का पत्थर बनने जा रहे हैं.
इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे प्रदेश के सभी आयुष कॉलेज
गोरखपुर के भटहट ब्लॉक के पिपरी व तरकुलही में 52 एकड़ भूमि पर उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण होने जा रहा है. एक ही परिसर में आयुर्वेदिक, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी और योग चिकित्सा की पढ़ाई और उस पर शोध कार्य होंगे. इन विधाओं से यहां चिकित्सा भी सुलभ होगी. क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डॉ. प्रकाश चंद्र के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सभी 94 आयुष कॉलेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे.
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद के 67 कॉलेज (8 सरकारी व 58 निजी), यूनानी के 15 कॉलेज (2 सरकारी व 13 निजी) तथा होम्योपैथी के 12 कॉलेज (9 सरकारी व 3 निजी) अलग अलग विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं. इसके चलते इन आयुष कॉलेजों के डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में कुछ भिन्नता रहती है. आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध होने से सभी कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में एकरूपता रहेगी और सत्र नियमन भी संभव होगा. आयुष कॉलेजों की इस विश्वविद्यालय से संबद्धता एवं अन्य प्रशासनिक कार्य सत्र 2021-22 से एवं विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य सत्र 2022-23 से प्रारंभ होगा.
औषधीय पौधों की खेती को भी बढ़ावा
गोरक्षनाथ आयुष विश्वद्यालय परिसर में अलग से औषधीय पादप उद्यान विकसित किया जाएगा. यहां आयुष इंस्टिट्यूट व रिसर्च सेंटर भी होगा. विश्वविद्यालय की निगरानी में क्षेत्र के किसान औषधीय खेती करेंगे. आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय है. इसके लिए 299.87 करोड़ रुपये की प्रारंभिक डीपीआर कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग ने बनाई है.
योगी सरकार ने आयुष विश्वविद्यालय की बाउंड्रीवाल के लिए 2.4 करोड़ रुपये रिलीज कर दिए हैं. शिलान्यास के तत्काल बाद इस विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. परिसर में एकेडमिक भवन, प्रशासनिक भवन, आवासीय भवन, छात्रावास, गेस्ट हाउस के अलावा ऑडिटोरियम और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक भी होगा. अनुमान है कि आयुष विश्वविद्यालय के संपूर्ण प्रोजेक्ट पर तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय का होगा लोकार्पण
गोरखपुर में मानीराम-बालापार रोड पर सोनबरसा में बने महायोगी गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण भी 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. सीएम योगी के निर्देश पर इस विश्वविद्यालय को कला, वाणिज्य, विज्ञान, कृषि, प्रौद्योगिकी की उच्च व रोजगारपरक शिक्षा के मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस विश्वविद्यालय में मेडिकल, नर्सिंग व पैरा मेडिकल की पढ़ाई भी होगी.
गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस
इस विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (Guru Shri Gorakshnath Institute of Medical Sciences) को भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (National Commission for Indian System of Medicine) से मान्यता मिल गई है और इंस्टीट्यूट में इसी सत्र से 100 सीटों पर बीएएमएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. इसके अलावा बीएससी व एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है.
इसी सत्र से डिप्लोमा इन लैब टेक्निशियन, डिप्लोमा इन ऑप्टोमेट्री, डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्निशियन और डिप्लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर टेक्निशियन की भी प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ होने जा रही है. आने वाले समय में विश्वविद्यालय में एमबीबीएस, बी फार्मा, डी फार्मा, पैरामेडिकल कोर्सेस, बीएससी यौगिक, बीएससी आईटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करने वाले दर्जनों पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी.
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