'जय श्री राम' न कहने पर मुस्लिम बुजुर्ग को पीटने और दाढ़ी काटने की बात झूठी, ट्विटर समेत 9 पर FIR दर्ज
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'जय श्री राम' न कहने पर मुस्लिम बुजुर्ग को पीटने और दाढ़ी काटने की बात झूठी, ट्विटर समेत 9 पर FIR दर्ज

पुलिस ने जांच की तो पता चला कि ये सभी आरोप आधारहीन हैं और जबरदस्ती इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसपर आवाज उठाते हुए योगी सरकार को कटघरे में लेने की कोशिश की थी, जिसपर सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा था कि यूपी को बदनाम न करें.

'जय श्री राम' न कहने पर मुस्लिम बुजुर्ग को पीटने और दाढ़ी काटने की बात झूठी, ट्विटर समेत 9 पर FIR दर्ज

गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद से मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था. बताया जा रहा था कि 'जय श्री राम' के नारे न लगाने पर उसे मारा गया था. यहां तक कि उसकी दाढ़ी भी काट दी गई थी. लेकिन अब इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है. बीते मंगलवार गाजियाबाद पुलिस ने पुष्टि की है कि वीडियो को जिस तरह से वायरल किया गया है, वह झूठ है. यह सांप्रदायिक विवाद नहीं, बल्कि दो परिवारों की आपसी रंजिश से जुड़ा मामला है.

Twitter और 8 लोगों के खिलाफ केस
इस विवाद को सांप्रदायिक रूप देने के आरोप में गाजियाबाद पुलिस ने Twitter के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है. इसके अलावा Alt ग्रुप के मोहम्मद जुबैर, राणा अय्यूब समेत 8 लोगों पर भी FIR दर्ज हुई है. सभी पर आरोप है कि इन्होंने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का काम किया है. बताया जा रहा है कि इनमें दो कांग्रेसी नेता भी शामिल हैं. 

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यह थी अफवाह
दरअसल, गाजियाबाद के लोनी थाना इलाके से 5 जून को एक मुस्लिम बुजुर्ग का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में 4 लोग उसे बुरी तरह पीटते नजर आ रहे थे. हालांकि इस वीडियो में कोई आवाज नहीं थी, लेकिन यह दावा किया गया था कि जय श्री राम के नारे न लगाने की वजह से मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई की गई और उसकी दाढ़ी भी काट दी गई. वीडियो वायरल होने के बाद से हड़कंप मच गया था और कई तरीके के विवाद शुरू हो गए थे.

सोशल मीडिया पर छिड़ी थी सांप्रदायिक जंग
पुलिस ने जांच की तो पता चला कि ये सभी आरोप आधारहीन हैं और जबरदस्ती इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसपर आवाज उठाते हुए योगी सरकार को कटघरे में लेने की कोशिश की थी, जिसपर सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा था कि यूपी को बदनाम न करें.

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गाजियाबाद पुलिस ने अफवाह की खोली पोल
FIR में गाजियाबाद पुलिस ने बताया है कि लोनी में हुई इस वारदात का सांप्रदायिक विवाद से कोई लेना-देना है ही नहीं. कुछ लोगों ने वीडियो की सच्चाई की जांच किए बिना ही ट्विटर पर सांप्रदायिक रंग देना और शांति भंग करने के लिए संदेश फैलाना शुरू कर दिया. वहीं, ट्विटर ने भी वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया.

इन लोगों पर दर्ज हुआ केस
गाजियाबाद पुलिस ने अय्यूब और नकवी (वरिष्ठ पत्रकार) के खिलाफ केस फाइल किया है. वहीं, फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के लेखक जुबैर पर भी मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके अलावा, कांग्रेस के सदस्य डॉ. शमा मोहम्मद और निजामी के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष उस्मानी को कांग्रेस ने पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में उतारा था.

परवेश गुर्जर को किया गिरफ्तार
गाजियाबाद पुलिस ने जानकारी दी है कि एफआईआर दर्ज करने के साथ, इस मामले में एक व्यक्ति परवेश गुर्जर को घटना में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मामला 5 जून का था, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना 7 जून को दी गई थी. 

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तांत्रिक साधना है वजह
पुलिस ने यह भी बताया है कि इस पूरी वारदात के पीछे की वजह है तांत्रिक साधना. दरअसल, वीडियो में जिस बुजुर्ग को देखा गया, उसने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे. लेकिन उसका खासा परिणाम न दिखने पर आरोपी ने बुजुर्ग के साथ अभद्रता की और लोगों ने इसका वीडियो बनाया. पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने तहरीर में कहीं भी यह बात नहीं लिखवाई कि विवाद जय श्री राम के नारे की वजह से हुआ या उसकी दाढ़ी काटी गई.

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