ग्रेटर नोएडा के 1 BHK से भी महंगी है इस 'हिमालयी वायग्रा' की कीमत, जानिए क्यों है इतनी डिमांड
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ग्रेटर नोएडा के 1 BHK से भी महंगी है इस 'हिमालयी वायग्रा' की कीमत, जानिए क्यों है इतनी डिमांड

यह एक प्रकार का कीड़ा है जिसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी की तरह किया जाता है. यह कीड़ा भूरे रंग का होता है और दो इंच तक लंबा होता है. हिमालय की वादियों में ये नायाब जड़ी पाई जाती है. हिमालयी वियाग्रा हिमालय में समुद्र तल से 3,500 से लेकर 5,000 मीटर तक की ऊंचाई पर मिलती है.

ग्रेटर नोएडा के 1 BHK से भी महंगी है इस 'हिमालयी वायग्रा' की कीमत, जानिए क्यों है इतनी डिमांड

नई दिल्ली: महंगाई के जमाने में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. आम आदमी की जेब तनाव और जरूरतों को पूरा करने के दबाव में हैं. सोना चांदी के दाम धड़ाम हो गए हों फिर भी कोरानोकाल में वो भी खरीदने में जोर पकड़ रहा है. 3 BHK और 2 BHK का घर खरीदने की ख्वाहिश सिमट कर 1 BHK तक रह गई है. जिसे खरीदना भी महंगाई के साये में एक बड़ी आफत बन गई है. इस महंगाई के युग में हम आपको एक ऐसे कीड़े के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कीमत भले ही ग्रेटर नोएडा में स्टूडियो अपार्टमेंट या 1 बीएचके के बराबर है, लेकिन कोरोनाकाल में भी दुनियाभर में इसे पाने और खरीदने की चाहत आसमान की उड़ान भर रही है. इस महंगी चीज का नाम है यारशागुंबा, जो हमारे देश में कीड़ा जड़ी के नाम से जाना जाता है. इसे हिमालयी वायग्रा भी कहा जाता है. 

सिर्फ 2 इंच लंबा, कीमत लाखों में
यह एक प्रकार का कीड़ा है जिसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी की तरह किया जाता है. यह कीड़ा भूरे रंग का होता है और दो इंच तक लंबा होता है. हिमालय की वादियों में ये नायाब जड़ी पाई जाती है. हिमालयी वियाग्रा हिमालय में समुद्र तल से 3,500 से लेकर 5,000 मीटर तक की ऊंचाई पर मिलती है. अंग्रेजी में इसे कैटरपिलर फंगस और तिब्बती में यारशागुंबा कहते हैं. यह एक तरह का जंगली मशरूम होता है जो हैपिलस फैब्रिकस नाम के एक कीड़े के ऊपर उगता है. इसका रंग पीला-भूरा होता है और इसका आधा हिस्सा कीड़ा और आधा हिस्सा जड़ी जैसा नजर आता है. सांइस की दुनिया में इसका वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्स साइनेसिस है.

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कीड़ा जड़ी का उत्तराखंड कनेक्शन
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड में कुमाऊं के धारचुला और गढ़वाल के चमोली जिले में हिमालयी वायग्रा कई परिवारों के लिए भरण-पोषण का साधन है. यहां रहने वाले लोग इस दुर्लभ जड़ी को ढूढ़ने और इकट्ठा करने में जी जान लगा देते हैं. उत्तराखंड के अलावा यह जड़ी चीन, नेपाल और भूटान के हिमालयी क्षेत्रों में भी मिलती है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 20 लाख
कीड़ा जड़ी अपने औषधीय गुणों की वजह से बहुत महंगा होता है. सबसे पहले तो आसानी से मिलता भी नहीं है. साल दर साल इसकी पैदावर में गिरावट दर्ज की जा रही है. इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में करीब 20 से 25 लाख रुपये प्रति किलो तक होती है. हर साल एशिया में ही इसका 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हो जाता है.

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सुपर इम्यूनिटी बूस्टर है ये हिमालयी वियाग्रा
कीड़ा जड़ी का उपयोग नैचुरल स्टेरॉयड के तौर पर भी किया जाता है. यौन शक्ति बढ़ाने में कीड़ी जड़ी को बेहद कारगर माना जाता है. यही वजह है कि इसे हिमालयी वियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है. आयुर्वेद में भी इस औषधी का जिक्र है. सांस और गुर्दे की बीमारी को सही करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं यह जीवन शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है. कीड़ी जड़ी में प्रोटीन, विटामिन बी-1, बी-2, बी-12 सहित अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व होते हैं. यह नपुंसकता से लेकर कैंसर तक के इलाज में कारगर माना जाता है.

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'हिमालयी वायग्रा' के कारोबार पर भारत में बैन
'हिमालयी वायग्रा' के कारोबार को भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है. नेपाल में भी 2001 तक इस पर प्रतिबंध था. 2001 के बाद नेपाल सरकार ने कीड़ी जड़ी पर से प्रतिबंध हटा लिया था.

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